Rajasthan
दबंगों के डर के कारण भारी पुलिस फोर्स के बीच घोड़ी पर बैठा कांस्टेबल दलित दूल्हा Rajasthan News- Udaipur News- Dalit grooms bindoli under police protection-discrimination


कमलेश की शादी के दौरान पुलिस उपाधीक्षक और नायब तहसीलदार सहित दो थानों की फोर्स को वहां तैनात किया गया.
Dalit groom’s bindoli under police protection : उदयपुर में एक दलित दूल्हे की बिंदौली पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई. दूल्हे को डर था कि दबंग उसे घोड़ी नहीं चढ़ने देंगे. खास बात यह है कि दूल्हा खुद पुलिस में कांस्टेबल है.
उदयपुर. आजादी के 70 साल बाद आज भी भी ऊंच-नीच, भेदभाव (Discrimination) और जातिवाद के कई मामले सामने आते हैं. ऐसा ही एक मामला उदयपुर जिले में सामने आया है. उदयपुर (Udaipur) के गोगुंदा इलाके में दलित दूल्हे (Dalit groom) को अपनी शादी में दबंगों द्वारा घोड़ी से उतार दिये जाने के डर ने इतना परेशान कर दिया कि उसने सुरक्षा के लिये पुलिस से गुहार की. खास बात यह है कि दूल्हा खुद राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल है. खुद पुलिस कांस्टेबल होने के बावजूद उसे डर था कि गांव के दबंग लोग उसे घोड़ी से उतार देंगे. इसलिये उसने पुलिस प्रोटेक्शन में बारात (बिंदोली) निकाली और शादी की रस्मों को अदा किया. दो थानों की फोर्स को तैनात किया गया पूरा मामला गोगुंदा थाना क्षेत्र के राव मादड़ा गांव का है. हाल ही में वहां कांस्टेबल कमलेश मेघवाल की शादी पुलिस-प्रशासन के पहरे में हुई. शादी से पहले ही दूल्हे कमलेश ने पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार से सुरक्षा की गुहार की. उसे इस बात का डर था कि दबंग उसे घोड़ी पर नहीं चढ़ने देंगे. इस पर कमलेश की शादी के दौरान पुलिस उपाधीक्षक और नायब तहसीलदार सहित दो थानों की फोर्स को वहां तैनात किया गया.पुलिस देखरेख में शादी की रस्मों को पूरा किया गया दूल्हे कमलेश के भाई दुर्गेश ने बताया था कि गांव में दलित समाज के लोगों को घोड़ी पर बैठ बिंदोली नहीं निकालने दी जाती है. इससे पहले भी गांव में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जब दलित दूल्हे को बिंदौली के वक्त घोड़ी से उतार दिया गया. इसकी वजह से शादी से पहले ही पुलिस और प्रशासन की मदद मांगी गई. पुलिस देखरेख में शादी की रस्मों को पूरा किया गया. वर्ष 2019 में ऐसी घटना हो चुकी है
आपको बता दें कि उदयपुर के गोगुंदा और घासा थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति तथा जनजाति के दूल्हों को घोड़ी से उतारे जाने की घटनाएं पूर्व में हो चुकी हैं. इस कारण अनुसूचित जनजाति के लोग गांवों में बिंदोली निकालने को लेकर आशंकित रहते हैं. वर्ष 2019 में ऐसी ही घटना हुई थी. उसमें झालों का ठाणा गांव में एक दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारकर उसका अपमान किया गया था.
आपको बता दें कि उदयपुर के गोगुंदा और घासा थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति तथा जनजाति के दूल्हों को घोड़ी से उतारे जाने की घटनाएं पूर्व में हो चुकी हैं. इस कारण अनुसूचित जनजाति के लोग गांवों में बिंदोली निकालने को लेकर आशंकित रहते हैं. वर्ष 2019 में ऐसी ही घटना हुई थी. उसमें झालों का ठाणा गांव में एक दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारकर उसका अपमान किया गया था.