Rajasthan

Government In No Mood To Follow Master Plan, Request For Early Hearing – मास्टर प्लान की पालना के मूड में नहीं सरकार, सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की अर्जी

राहत के लिए बदल रहे प्लानिंग

भवनेश गुप्ता
जयपुर। मास्टर प्लान मामले में पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से फटकार खाने के बाद भी सरकार राहत की उम्मीद लगाए बैठी है। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका में जल्द सुनवाई के लिए अपील की गई है। नगरीय विकास विभाग के निर्देश पर जेडीए ने 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए अपील की है। इसके पीछे बड़े स्तर पर जनहित से जुड़ा मामला होने का हवाला दिया गया है।
बताया जा रहा है कि सरकार और जेडीए दोनों राहत लेने के लिए इस बार हाईकोर्ट के आदेश की अक्षरश: पालना करने की दलील तो देंगे, लेकिन इसे मास्टर प्लान 2011 के समय से लागू करने की बजाय चार साल पूर्व (12 जनवरी, 2017 के आदेश के बाद) से प्रभावी करने का तर्क दिया जा सकता है।

वापिस इकोलोजिकल जोन को सहेजने के मूड में नहीं है सरकार
वर्ष 2011 में लागू हुए मास्टर प्लान-2025 में इकोलोजिकल एरिया को मिश्रित भूउपयोग में शामिल कर लिया गया। इसमें जयपुर के दिल्ली रोड और आगरा रोड का बड़ा इलाका (करीब 1222 हैक्टेयर भूमि) मुख्य रूप से शामिल है। इसी आधार पर कोर्ट ने इकोलोजिकल एरिया को बदलने पर रोक लगाई थी। सरकार को इससे राज्यभर के बड़े शहरों में बने और बनाए जा रहे मास्टर प्लान में दिक्कत आ रही है। सरकार वापिस इकोलोजिकल जोन को सहेजने के मूड में नहीं है। यानि, इस मास्टर प्लान में जिस इकोलोजिकल जोन को संस्थानिक, औद्योगिक, आवासीय या व्यावसायिक कर दिया गया, उसी को यथावत रखना चाह रही है।

इन पर हो रहा ज्यादा फोकस, तीनों इकोलोजिकल में
(1) औद्योगिक प्रोजेक्ट
आमेर तहसील के राजस्व ग्राम खैरवाड़ी में औद्योगिक योजना से जुड़ा मामला है। पहले करीब 36 हैक्टेयर जमीन पर औद्योगिक योजना सृजित करने का एजेंडा लाया गया, लेकिन बाद में रोका। क्योंकि, मास्टर प्लान 2011 में यह हिस्सा भी इकोलोजिकल ही है।
(2) शैक्षणिक संस्थान
आगरा रोड के सेक्टर 34 व 35 में कई शैक्षणिक संस्थानों को जमीन आवंटन कर दिया गया। 2006 से पहले के मास्टर प्लान में इकोलोजिकल क्षेत्र था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इनमें से 80 वर्ग किलोमीटर इलाके का भूउपयोग बदल दिया। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश के तहत यह अब भी इकोलोजिकल की जद में हैं। ऐसे संस्थान संचालक भी लगातार अफसरों के संपर्क में हैं।
(3) आवासीय योजना
दिल्ली रोड पर ग्राम नटाटा में करीब 22 हैक्टेयर भूमि पर आवासीय योजना सृजित करने की प्लानिंग हुई, जबकि यह भूमि इकोलोजिकल एरिया (मास्टर प्लान 2011 के अनुसार) में है। पहले तो जमीन की 90ए (भू—उपयोग परिवर्तन) कर दी गई। इसके बाद आवासीय योजना सृजित करने का आवेदन जेडीए पहुंचा था, लेकिन फिर बीच में रोका।











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