This organization has been working for the welfare of living beings for 15 years, – News18 हिंदी

पीयूष पाठक/अलवरः प्रदेश सहित अलवर जिले में पड़ रही भीषण गर्मी में जहां लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा. वहीं पशु पक्षी एवं वन्यजीवों को पानी नहीं मिलने के चलते उनकी आवाज लोगों तक नहीं पहुंच पाती. इसके लिए जीव सेवा को समर्पित अलवर में एक संस्थान 15 सालों से कार्य कर रही है. सहयोग सेवा संस्थान विगत पिछले 15 सालों से जीव सेवा के लिए अभियान चलाया जाता है. जहां लोगों को निशुल्क परिंडे व दाना पानी दिया जा रहा है. इस संस्थान की ओर से अभी तक 8 हज़ार से ज्यादा परिंडे शहर में वितरित किए जा चुके हैं.
अलवर सहयोग सेवा संस्थान की सदस्य प्रमिला गुप्ता ने बताया कि इन दिनों अलवर में भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में बेजुबान पशु पक्षी पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. पक्षियों के लिए दान-पानी के लिए जगह-जगह परिंडे हमारे संस्थान की ओर से लगाए जा रहे हैं. इसके पीछे यह कारण है की प्यास के चलते कोई भी पक्षी काल का ग्रास न बने. गुप्ता ने बताया कि समय-समय पर संस्थान की ओर से परिंडे का वितरण अलग-अलग जगह पर किया जाता है. जिससे कि पक्षियों को पीने का पानी आसानी से उपलब्ध हो सके.
पानी के लिए भटकना पड़ता
प्रमिला गुप्ता ने बताया कि मनुष्य तो पानी का संग्रहण कर रख लेता है. लेकिन पशु पक्षियों को तपती गर्मी में यहां- वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है. लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका विशेष ख्याल रखें. यह हमारे संस्थान की ओर से समय-समय पर लोगों को समझाया जाता है. इस कार्य में सहयोग सेवा संस्थान पिछले 15 वर्षों से कार्य कर रहा है. अभी तक संस्थान 8 हज़ार से ज़्यादा परिंडे का वितरण कर चुका है.
लोगों को दिलाते है शपथ
प्रमिला गुप्ता ने बताया की संस्थान द्वारा लोगों को निशुल्क परिंडे वितरित किए जाते हैं. जिसमें लोग अपने घरों व पार्कों के आसपास परिंडे में पानी भरकर रखें. जिससे आसपास के पशु पक्षी प्यास से बेहाल न हो. संस्थान ने इस बार भी अभी तक 700 से ज्यादा परिंडे को वितरित किया है. परिंडे लेने वाले व्यक्तियों को इन परिंडो में प्रतिदिन पानी भरने का संकल्प दिलाया जाता है.
पानी की तलाश मे शहर में आते है वन्यजीव
अलवर शहर में गिरते भूजल स्तर के चलते वन्यजीवों को भी अब पानी की कमी महसूस होने लगी है. इसी के चलते वन्य जीव अब जंगलों से पानी की तलाश में भटकते हुए शहर की तरफ आबादी में भी आने लगे हैं. सागर, मूसी महारानी की छतरी, जगन्नाथ मंदिर, त्रिपोलिया मंदिर पर कई बार वन्यजीवों को प्यास के चलते भटकते हुए देखा गया है.
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FIRST PUBLISHED : April 24, 2024, 11:05 IST