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Karwa Chauth 2025 | Karwa Chauth Katha | Gomti Dham Karoli Karwa Chauth

Last Updated:October 10, 2025, 23:40 IST

Karwa Chauth 2025 Samuhik Vrat Katha: करौली के गोमती धाम में करवा चौथ की कथा का भव्य सामूहिक आयोजन हो रहा है. बाजारों में उत्सव का माहौल है और महिलाएं सजधजकर व्रत में भाग ले रही हैं. यह पौराणिक कथा व्रत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है.

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करौली. हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा पर्व करवाचौथ आज पूरे देश में उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. राजस्थान की धर्मनगरी करौली में भी करवाचौथ का उत्साह सुबह से ही देखने को मिल रहा है. मंदिरों से लेकर बाजारों तक रौनक का माहौल है. महिलाएं पारंपरिक 16 श्रृंगार में सजी धजी मंदिरों में चौथ माता के दर्शन और पूजन के लिए पहुंच रही हैं.

करौली के गोमती धाम आश्रम में करवाचौथ पर्व पर सामूहिक व्रत कथा और पूजा का आयोजन किया गया. यहां सुबह से ही महिलाओं की लंबी कतारें लगी रही है. यहां हर महिला के चेहरे पर भक्ति और उत्साह का भाव झलकता दिखा. मंदिर परिसर में चौथ माता और भगवान श्री गणेश की आराधना के साथ-साथ व्रत कथा का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमें महिलाओं बड़ी संख्या में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रही है.

लोकल 18 की टीम ने मौके पर मौजूद कई महिलाओं से बात की. करवा चौथ व्रत की पूजा करने आई महिला काजल गोयनका ने बताया कि इस साल उनका पहला करवाचौथ व्रत है. उन्होंने कहा कि इस व्रत में सुहागन महिलाएं सुबह करीब चार बजे से निर्जला उपवास रखती हैं और रात में चंद्रोदय के बाद अर्घ्य देकर ही व्रत खोलती हैं. यह व्रत केवल पति की लंबी आयु के लिए नहीं बल्कि वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौभाग्य की निरंतरता के लिए भी किया जाता है.

वीरावती की कथा से जुड़ी है व्रत की मान्यता पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक साहूकार की बेटी वीरावती ने पहली बार करवाचौथ का व्रत रखा था. दिनभर भूखी-प्यासी रहने से वह कमजोर हो गई थी. यह देखकर उसके भाइयों ने झूठा चांद दिखाकर उससे व्रत खुलवा दिया. इसके फलस्वरूप उसके पति की मृत्यु हो गई. वीरावती ने मां पार्वती की आराधना कर कठोर तप किया. उसकी सच्ची भक्ति से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने उसे आशीर्वाद दिया और उसके पति को पुनर्जीवित कर दिया. तभी से महिलाएं करवाचौथ का व्रत पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं.

कथा सुनें बिना अधूरा माना जाता है व्रत स्थानीय महिलाओं ने बताया कि करवाचौथ का व्रत श्री गणेश और वीरावती की कथा सुने बिना अधूरा माना जाता है. मान्यता है कि कथा सुनने से ही व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है. कथा के दौरान महिलाएं माता चौथ और गणेश जी से अपने सुहाग की रक्षा और परिवार की समृद्धि की कामना करती

Jagriti Dubey

With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें

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Location :

Karauli,Rajasthan

First Published :

October 10, 2025, 23:40 IST

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करौली में सामूहिक कथा का आयोजन, बाजारों में उमड़ी भीड़, जानें व्रत का महत्त्व

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