Rajasthan

School Education Department: DPC Is Not Being Reviewed On Time In The – स्कूल शिक्षा विभाग: शिक्षा विभाग में समय पर नहीं हो रही रिव्यू डीपीसी

उच्च पद पर चयन से वंचित हो रहे व्याख्याता और प्रधानाध्यापक

जयपुर, 2 अगस्त
प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ( School Education Department) में 2020-21 व्याख्याता डीपीसी (lecturer DPC) के साथ ही 272 वंचित रहे सीनियर सैकेंड ग्रेड को व्याख्याता बनाने के लिए रिव्यू डीपीसी (review DPCs) की सूची जारी की गई थी लेकिन रिव्यू डीपीसी नहीं होने के कारण इन्हें लाभ नहीं मिल सका और अनेक शिक्षक प्रधानाचार्य बनने से वंचित रहे हैं। इसी प्रकार शिक्षा विभाग के अजमेर मंडल में पदों की गणना में विसंगति के कारण विज्ञान, गणित विषयों में थर्ड से सैकेंड ग्रेड की डीपीसी बकाया है।
शिक्षा निदेशालय सहित विभाग के तकरीबन सभी मंडलों में ऐसे शिक्षकों के प्रार्थना पत्र लगातार दिए जा रहे हैं जो सैकेंड ग्रेड नहीं मिलने से व्याख्याता बनने से वंचित रहे गए।
मामला दरअसल यह है कि शिक्षा विभाग में नियमित डीपीसी हर साल करवाई जाती है लेकिन हर साल डीपीसी में किन्हीं कारणों से वंचित रहने वाले शिक्षकों की समय पर रिव्यू डीपीसी नहीं हो पा रही और शिक्षक व्याख्याता या प्रधानाचार्य बनने से वंचित हो रहे हैं । ऐसे में कई शिक्षक अब कोर्ट का रुख कर रहे हैं। विभाग की ओर से 96 व्याख्याता और 54 प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय चयन वर्ष 2012 13 से 2019 20 तक प्रधानाचार्य पदों पर चयनित हो सके। विभाग ने 8 जुलाई 2021 को इनकी सूची जारी कर रिव्यू डीपीसी करवाने का प्रावधान किया था। यह 96 व्याख्याता और 54 प्रधानाधापक माध्यमिक विद्यालय चयन वर्ष 2020-21 में चयनित प्रधानाचार्यों से वरिष्ठ हैं। इसी प्रकार 150 शिक्षा अधिकारी भी प्रधानाचार्य चयनित होने से वंचित रह गए। वरिष्ठता के आधार पर यह 2012-13 से 2019-20 तक चयन के पात्र हैं। दरअसल डीपीसी की प्रक्रिया के दौरान कई बार दस्तावेजों में किसी ने किसी प्रकार की कमी के कारण कई पात्र शिक्षक, व्याख्याता की डीपीसी नहीं हो पाती और वह पदोन्नति से वंचित हो जाते हैं। ऐसे में विभाग उनके लिए रिव्यू डीपीसी का प्रावधान रखता है लेकिन रिव्यू डीपीसी के समय से नहीं होने पर अनेक शिक्षकों का चयन उच्च पद पर नहीं हो पाता। शिक्षकों की इस समस्या को देखते हुए राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ प्रदेश महामंत्री महेंद्र पांडे ने कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव और शिक्षा विभाग से से मांग की है कि वह सैकेंड ग्रेड, व्याख्याता और प्रधानाचार्यों के पद पर चयन से वंचित रहने वालों को वरिष्ठता की रिव्यू डीपीसी करवा कर चयन का लाभ दिलवाए जिससे उन्हें कोर्ट का रुख ना करना पड़े।

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