Rajasthan

Good News: सिलिकोसिस के मरीजों को राहत, अब AI तकनीक से भी होगी इस बीमारी की जांच

राहुल मनोहर/सीकर. सिलिकोसिस के मरीजों के लिए राहत की खबर है. अब संदिग्ध सिलिकोसिस श्रमिकों की जांच एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक से हो सकेगी. इस तकनीक की खासियत यह है कि इसमें न सिर्फ समय कम लगेगा बल्कि इससे न्यूमोकोनोसिस बोर्ड पर दबाब भी कम होगा और पारदर्शिता अधिक रहेगी. इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बताया कि सिलिकोसिस प्रमाणीकरण के लिए राजसिलिकोसिस पोर्टल पर एआई एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य सिलिकोसिस प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को अधिक सुगम, सरल, और विश्वसनीय बनाना है, और तकनीक का उपयोग भी सुनिश्चित करना है. इससे सिलिकोसिस से पीड़ित लोगों को सही और त्वरित इलाज मिल सकेगा.

सिलिकोसिस पोर्टल पर एआई एप्लीकेशन का विकास किया गया है. इस एप्लीकेशन के माध्यम से नवीन सिलिकोसिस पोर्टल पर सिलिकोसिस प्रमाण-पत्र के लिए रेडियोलॉजिस्ट या मेडिकल ऑफिसर स्तर पर और जिला न्यूमोकोनोसिस बोर्ड के स्तर पर शुरू करने की प्रक्रिया को सुगम और अधिक दृश्यमान बनाया जा सकेगा.

एक्सरे जांच से ही पता लगेगा बीमारी की आशंका का
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसार, एआई तकनीक एक स्क्रीनिंग टूल के रूप में कार्य करेगा, जिसकी मदद से चेस्ट एक्स-रे की जांच की जाएगी. एआई तकनीक के द्वारा एक्स-रे की जांच होने के बाद वह सुझाव देगा कि क्या जिस व्यक्ति का एक्स-रे लिया गया है, उसे सिलिकोसिस की संभावना है या नहीं. इस एप्लीकेशन का उपयोग सिलिकोसिस जांच में रेडियोलॉजिस्ट को सहायक करने के लिए किया जा रहा है.

Tags: Latest hindi news, Local18, Rajasthan news, Sikar news

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