राजस्थान में पहली बार ऐसे हालात, महंगी कॉल दर से घटे उपभोक्ता

भवनेश गुप्ता/जयपुर। मोबाइल फोन की कॉल दर महंगी होने की आहट के बीच उपभोक्ताओं की संख्या भी घटने लगी है। राजस्थान में एक ही माह में 7.81 लाख मोबाइल उपभोक्ता कम हो गए। जबकि, पिछले छह माह में यह आंकड़ा 16 लाख से ज्यादा तक गिर गया है। प्रदेश में पहली बार है जब इस स्तर पर उपभोक्ताओं की संख्या में कमी आ रही है। सूत्रों के मुताबिक उपभोक्ताओं में अब ड्यूल सिम रखने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है। इसके अलावा कई मोबाइल ऑपरेटर ऐसे भी हैं, जिन्होंने दस्तावेजों में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या नहीं घटाई थी जिनके कनेक्शन कट गए या इनकमिंग कॉल बंद हो गई। लेकिन अब कम कर दिए। हालांकि, ऐसे हालात के बीच ऑपरेटर्स ने कनेक्शन बंद कराने वाले उपभोक्ताओं से भी संपर्क शुरू कर दिया है। इसके अलावा टेलीडेंसिटी की दर भी कम होती जा रही है।
पिछले छह माह में घटे-बढ़े उपभोक्ता
अप्रेल माइनस 2,01,528
मई माइनस 5,45,134
जून प्लस 2,086
जुलाई प्लस 37,996
अगस्त माइनस 1,17,179
सितम्बर माइनस 7,81,016
पिछले छह माह में ही 16 लाख से ज्यादा उपभोक्ता घटे
किस ऑपरेटर के घटे-बढ़े उपभोक्ता
एयरटेल माइनस 91,928
वोडाफोन-आइडिया माइनस 23,635
रिलायंस जियो माइनस 7,26,489
बीएसएनएल 61,047
(ट्राई रिपोर्ट के अनुसार अगस्त की तुलना में सितंबर के उपभोक्ता)
परेशानी और समाधान
1. परेशानी : नेटवर्क समस्या, कॉल ड्रॉप होने का सिलसिला। अपेक्षित डेटा स्पीड नहीं मिल रही। मोबाइल ऑपरेटरों का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत ज्यादा अपग्रेड नहीं, जिसके कारण दिक्कत।
2. समाधान : बैंडविथ जितनी ज्यादा होगी, इंटरनेट और वॉयस कनेक्टिविटी उतनी ही बेहतर होगी। ज्यादा बैंडविथ के लिए कई गुना ज्यादा मोबाइल टावरों की जरूरत होगी।
टेलीडेंसिटी का भी लगातार गिर रहा ग्राफ
राजस्थान में टेलीडेंसिटी (दूरसंचार सेवा से सीधे जुड़े उपभोक्ता) का ग्राफ भी लगातार गिरता जा रहा है। पिछले छह माह में ही 1.96 प्रतिशत लोग कम हुए हैं, जिनका मोबाइल या टेलीफोन से या तो सीधी कनेक्टिविटी ही नहीं है या फिर वे पारिवारिक सदस्य के भरोसे हो गए हैं। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 19 राज्यों की रिपोर्ट जारी की है। टेलीडेंसिटी में राजस्थान 13वें स्थान पर हैं और राष्ट्रीय टेलीडेंसिटी से 5.03 प्रतिशत कम।