Rajasthan

‘Laila Majnu’ showed that ‘achieving’ is not everything | ‘लैला मजनूं’ में दिखा कि औरतों को किसी भी युग में नहीं मिला इन्साफ

locationजयपुरPublished: Jul 08, 2023 12:37:53 am

-वरिष्ठ रंगकर्मी रामगोपाल बजाज के निर्देशन में एनएसडी में तैयार किया गया नाटक

'लैला मजनूं' में दिखा कि 'हासिल' करना ही सबकुछ नहीं है

‘लैला मजनूं’ में दिखा कि ‘हासिल’ करना ही सबकुछ नहीं है

जयपुर। इस्माइल चुनारा के लिखे नाटक ‘लैला मजनूं’ का निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी रामगोपाल बजाज ने किया था। प्ले में अरब के उस दौर की कबीलाई संस्कृति, कायदे कानून के बीच औरतों की सामाजिक स्थितियों पर रोशनी डाली गई है। जवानी की दहलीज पर खड़ी लैला को कैस (मजनूं) से प्यार है, लेकिन इश्क में दीवाने कैस को दुनिया पागल समझती है। कैस के पिता लैला का रिश्ता लेकर जाता हैं, लेकिन लैला के पिता उसे ठुकरा देते हैं।

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