Teachers Will Become Innovation Ambassadors – टीचर्स बनेंगे इनोवेशन एम्बेसडर

स्टूडेंट्स में विकसित करेंगे क्रिटिकल थिकिंग के गुण
इनोवेशन को देंगे बढ़ावा

जयपुर, 21म ई
स्कूल स्टूडेंट्स की समस्याओं को दूर करने और उनके क्रिटिकल थिकिंग के गुण विकसित करने, इनोवेशन को बढ़ावा देने का काम अब सीबीएसई स्कूल के टीचर्स करेंगे। सीबीएसई बोर्ड अपने चयनित टीचर्स को इनोवेशन एम्बेसडर प्रोग्राम के रूप में डवलप करने जा रहा है। इसके लिए बोर्ड ने सभी सीबीएसई स्कूलों से अपने टीचर्स का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा है। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 25 मई कर दी गइ है। सीबीएसई न वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी किया है और कहा है कि जो स्कूल पहले रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं वह फिर से नहीं करवाएं।
दूसरी बार रजिस्ट्रेशन की तिथि बढ़ाई
गौरतलब है कि इस प्रोग्राम की रजिस्ट्रेशन की तारीख दूसरी बार बढ़ाई गई है। इससे पहले 10 मई को नोटिफिकेशन जारी कर 17 मई तक रजिस्ट्रेशन कराने को कहा था। स्टूडेंट्स प्रॉब्लम सोल्विंग और क्रिटिकल थिंकिंग जैसे गुणों को बढ़ाने के लिए सीबीएसई पहले शिक्षकों को मेंटर के रूप में तैयार करेगा। इस इनोवेशन एंबेसडर प्रोग्राम के तहत 50 हजार शिक्षकों को ट्रेंड करेगा। हर स्कूल से दो या तीन शिक्षक होंगे, इसलिए सीबीएसई ने सभी सम्बद्ध स्कूलों से कहा है कि वे चार या पांच शिक्षकों का नाम भेजें। रजिस्ट्रेशन के लिए सीबीएसई की वेबसाइट. पर जाएं। चयनित शिक्षकों का बैच, तिथि व समय मेल के माध्यम से भेज दिया जाएगा।
चार मॉड्यूल के तहत तैयार होंगे शिक्षक
इनोवेशन एंबेसडर प्रोग्राम के तहत शिक्षकों को चार मॉड्यूल के तहत तैयार किया जाएगा। इसमें पहला 26 घंटे का डिजाइन थिकिंग एंड इनोवेशन, दूसरा 15 घंटे का आइडिया जेनरेशन एंड आइडियल हैंड होल्डिंग, तीसरा 12 घंटे का इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स व चौथा 13 घंटे का प्रोडक्ट प्रोटोटाइप डवलपमेंट होगा।
ये करेंगे इनोवेशन एंबेस्डर
अपने स्कूलों में इनोवेशन का कल्चर तैयार करना।
अपने और पास के स्कूलों के अन्य शिक्षक व स्टूडेंट्स के लिए मेंटर के तौर पर कार्य करना।
अन्य स्कूलों में रिसोर्स पर्सन के तौर पर सहायता करना।
स्टूडेंट्स व फैकल्टी के बीच इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देना।. राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली आइडिया देने वाली प्रतियोगिता में इवेल्यूटर के तौर पर रहना।
इनोवेशन या उससे संबंधित होने वाली राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में मेंटर के तौर पर रहना।