Rajasthan

For Indian Security from Pakistan and china Coming DEW Durga and Kali

लददाख (Laddakh) हो या फिर तवांग (Tawang) । कश्मीर (Kashmir) हो या फिर गुजरात (Gujraat)। जल, थल और नभ से अगर किसी दुश्मन ने भारत (India) की तरफ आंख उठाने की भी जुर्रत की तो भारतीय वायुसेना (IAF) के शौर्य में भष्म हो जाएगा। भारतीय वायु सेना का साथ देने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की सबसे शक्तिशाली, घातक, अचूक शक्ति अस्त्र दुर्गा (DURGA ) और काली (KALI) आ रही हैं। दरअसल, डीआरडीओ (DRDO) ने ऊर्जा निर्देशित हथियार (DEW) तैयार किए हैं।

By: Anand

Published: 10 Oct 2021, 11:14 PM IST

जयपुर

लददाख हो या फिर तवांग। कश्मीर हो या फिर गुजरात। जल, थल और नभ से अगर किसी दुश्मन ने भारत की तरफ आंख उठाने की भी जुर्रत की तो भारतीय वायुसेना के शौर्य में भष्म हो जाएगा। भारतीय वायु सेना का साथ देने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की सबसे शक्तिशाली, घातक, अचूक शक्ति अस्त्र दुर्गा और काली आ रही हैं। दरअसल, डीआरडीओ ने ऊर्जा निर्देशित हथियार (डीईडब्ल्यू) तैयार किए हैं।

गोली,बारूद नहीं अब उर्जा से भष्म होंगे दुश्मन
ऊर्जा निर्देशित हथियार से दुश्मन को मारने के लिए गोली या बारूद की आवश्यकता नहीं होगी। उर्जा का ऐसा केंद्रीकरण होगा कि कोई व्यक्ति हो या वस्तु। विमान हो या सैटेलाइट। निशाना लगाते ही कुछ सेकेंड में जलकर भष्म हो जाएगा। 2017 में ऐसे ही उपकरण का परीक्षण तत्कालीन रक्षामंत्री अरूण जेटली के सामने चित्रदुर्गा में किया गया था। यह 250 मीटर की दूरी पर लक्ष्य भेदने में कामयाब रहा था। अब भारतीय वायु सेना के नवनियुक्त प्रमुख वीके चौधरी ने मंगलवार को ऊर्जा निर्देशित हथियार पर चर्चा की है

जल,थल और नभ पर राज
दुर्गा (DURGA II- Directionally Unrestricted Ray-Gun Array)। यह अस्त्र हवा, समुद्री और सतह से मार करने में सक्षम है। इसे किसी भी जगह से लांच किया जा सकता है। इसकी चपेट में आने वाला पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।

दो आवृति पर चलती है काली
काली (KALI-Kilo Ampere Linear Injector) एक्स रे और माइक्रावेब दो अलग आवृत्ति पर काम कर दुश्मन को तबाह कर देता है। इसकी माइक्रावेब आवृति किसी भी विमान के उपकरण को तबाह करने में सक्षम है।

आ रहा है एस 400
भारतीय वायु सेना की ताकत को बढाने और दुश्मन की मिसाइलों से बचाने के लिए रूसी एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम इस साल के अंत तक आ जाएगा। इससे न केवल भारत की ताकत बढ़ जाएगी बल्कि चीन और पाकिस्तान को कोई भी कदम उठाने से पहले कई बार सोचना होगा। रूस से लाइट टैंक खरीदने की तैयारी कर रहा है। के9 टैंकों की तरह ही इनकी तैनाती तेजी से उंचाई वाले इलाकों में की जा सकेगी।

गुब्बारा मराने के लिए नहीं दागनी पडेगी महंगी मिसाइल
दुश्मन के ड्रोन, बैलून या फिर अन्य उडते हुए कोई भी उपकरण मार गिराने के लिए दुश्मन या फिर मिसाइल खर्च नहीं करनी पडेगी। इन्हें अब इसी तरह के हथियार से मार गिराया जाएगा। 2019 में राजस्थान के सरहदी इलाके में बैलून को मार गिराने के लिए सुखोई से मिसाइल दागी थी। 2016 में 30 एमएम जीएसएच—301 की कैनन से 97 गोली एक पाकिस्तानी बैलून पर मारी गई थी। यह काफी खर्चीला पडता है।

चीनी चाल में आता है जिक्र
लददाख में हुई गलवान की घटना के बाद चीनियों के माइक्रोवेव हथियार प्रयोग करने की बात सामने आई थी। बीजिंग के प्रोफेसर ने खुलासा कर बताया था कि चीनी सेना ने दो उंचाई के पहाड पर लगाया है। अरूणाचल में हुई वायुयान दुर्घटनाओं को लेकर भी इस तरह के संशय कई बार सामने आ चुके हैं। इन दुर्घटनाओं में माइक्रोवेब हथियार से हमला होने की बात दबी जुबान से आती रही है। अमरीका ने भी अफगानिस्तान में एक ऐसा हथियार तैनात किया था। इसे बाद में वापस ले लिया।











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