There is a struggle over the formula to give or not to give tickets | भाजपा के 35 और कांग्रेस के 27 पुराने प्रत्याशियों के टिकट पर खतरा

जयपुरPublished: Sep 02, 2023 05:45:19 pm
भाजपा से पूर्व मंत्री यूनुस खान, गजेंद्रसिंह खींवसर, प्रभुलाल सैनी, कालूलाल गुर्जर, कर्नल सोनाराम और कांग्रेस से मानवेन्द्र सिंह, पुष्पेन्द्र भारद्वाज, डॉ. करणसिंह यादव की हुई थी बड़ी हार।
जग्गोसिंह धाकड़
जयपुर. विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए भाजपा और कांग्रेस की ओर से पिछले चुनाव में भारी अंतर से हारे हुए प्रत्याशियों को इस बार टिकट देने या न देने के फॉर्मूले पर मशक्कत हो रही है। दोनों दलों का सबसे बड़ा फॉर्मूला यही सामने आया है कि किसी भी तरह जीतने वाले को ही प्रत्याशी बनाया जाए। पिछले 2018 के चुनाव में कई विधानसभा क्षेत्रों में दोनों दलों के प्रत्याशियों को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में ज्यादा वोट से हारने वाले प्रत्याशियों के टिकट को ग्रीन सिग्नल मिलना मुश्किल है। कांग्रेस में 30 हजार से ज्यादा मतों से चुनाव हारने वालों को टिकट नहीं देने की चर्चा है। वहीं, भाजपा में भी इसको लेकर मंथन चल रहा है। भाजपा के प्रत्याशी 17 सीटों पर और कांग्रेस के प्रत्याशी 7 सीटों पर 30 हजार से ज्यादा वोटों से हारे थे। करीब 18 सीटों पर भाजपा और 21 सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर भी नहीं रही। दोनों दलों में यह फॉर्मूला लागू हो गया तो इस तरह कांग्रेस के करीब 27 और भाजपा के करीब 35 पुराने प्रत्याशियों का टिकट खतरे में पड़ सकता है। इस बीच, बड़े अंतर से हारे प्रत्याशियों में शाहपुरा(भीलवाड़ा) से भाजपा के कैलाश मेघवाल से 74 हजार से अधिक वोटों से हारे कांग्रेसी उम्मीदवार महावीर प्रसाद का निधन हो चुका है।