नेपाल से अलवर आकर इस शख्स ने खोला ऐसा होटल, आज यहां के फूड आइटम्स के दीवाने हैं लोग

पीयूष पाठक/ अलवर. हर बड़े शख्सियत के पीछे व्यक्ति विशेष की मेहनत छुपी हुई रहती है. मेहनत से कामयाबी हासिल किए जाने वाला काम कोई दूसरा देखता है तो वह यही सोचता है कि यह तो मैं भी कर सकता हूं. मगर क्या आप यह बात जानते हैं कि उस कामयाबी के पीछे व्यक्ति की कड़ी मेहनत लगती है. जो उसे इस मंजिल तक पहुंचा देती है. आज अलवर के एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है. उनका नाम तो हर कोई जानता है, मगर उनकी मेहनत के पीछे क्या संघर्ष रहा वह कोई नहीं जानता है. अलवर शहर के चाइना टाउन की दुकान लगाने वाले प्रकाश जो करीब 30 साल पहले रोजगार की तलाश में अलवर में आए और अब यहीं बस गए.प्रकाश ने भारत आने के बाद मेहनत की जिससे आज वे इस मुकाम पर पहुंच गए हैं कि आज हर शहरवासी उनका नाम जानता है.
चाइना टाउन के ओनर प्रकाश ने बताया कि वे आज से करीब 20 साल पहले नेपाल से भारत आए. इसके बाद उन्होंने करीब 15 सालों तक शहर के अलग-अलग होटलों में काम किया और शहर के तौर-तरीके को जाना. प्रकाश ने कहा कि जब होटलों पर नौकरी करते थे, तो महीने का 5000 रुपये कमाते थे. जिससे उनका गुजारा नहीं हो पाता था. जब होटल की आमदनी से महीने के गुजारा नहीं चल पा रहा था. तो उन्होंने अपना खुद का सेटअप डालने का मन बनाया. आज उनका सेटअप इस कदर चल रहा है कि शहर का हर शहर वासी प्रकाश का नाम ना जानता हो. लेकिन चाइना टाउन का नाम जरूर जानता है.
15 साल पहले हुई शुरुआत
प्रकाश ने बताया कि होटलों में काम करने के दौरान उन्होंने सोचा कि क्यों ना खुद का सेटअप डाला जाए. इसके बाद उन्होंने चार-पांच आइटम के साथ अपने स्टार्टअप की शुरुआत की. जिसका उन्हें अच्छा रेस्पॉन्स मिलने लगा. होटलों के जानकार कस्टमर उनके पास आकर उनके व्यंजन का स्वाद लेने लगे और धीरे-धीरे डिमांड बढ़ती गई. डिमांड बढ़ने के बाद प्रकाश ने अपने काम को भी बढ़ा दिया और इसमें इनका साथ इनके परिवार के भाइयों ने की. प्रकाश ने बताया कि जब से उन्होंने काम की शुरुआत की है, तब से अलवर में उनकी अच्छी जान पहचान हो गई है. लोग उन्हें जानने लगे हैं. आज प्रकाश की पूरी फैमिली उनके साथी अलवर में रहती है. उनका कहना है कि मैं आया जरूर नेपाल से हूं. लेकिन मैं दिल से अलवर का होकर रह गया हूं. प्रकाश का कहना है कि अभी भी रिश्तेदार नेपाल में रहते हैं तो समय-समय पर उनसे मिलने के लिए जाते रहते हैं.
प्रकाश ने बताया कि बर्गर, चिली पटेटो, स्प्रिंग रोल, डोसा, पाव भाजी, चिल्ली पनीर, फ्राइड राइस, मसाला डोसा, उत्पन्न, पनीर डोसा यह सभी चीज हमारे पास मिलती है. इन्हें खाने के लिए लोग दूर-दूर से दुकान पर आते हैं. उनके पनीर डोसे का स्वाद तो इतना लाजवाब है कि लोग दूर से खाने आते हैं
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FIRST PUBLISHED : July 21, 2023, 14:13 IST