कोरोनावायरस महामारी के खत्म होने के बाद भी कम नहीं हुआ खतरा, शरीर में 3 साल तक बनी रह सकती हैं ये खतरनाक समस्याएं

Last Updated:February 28, 2025, 23:58 IST
कोविड-19 महामारी के बाद भी मरीजों को न्यूरोलॉजिकल, सांस संबंधी और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा है. अध्ययनों में पाया गया कि ये समस्याएं लंबे समय तक रहती हैं.
कोविड के बाद तीन साल तक बने रह सकते हैं न्यूरोलॉजिकल, श्वसन संबंधी विकार.
हाइलाइट्स
कोविड के बाद भी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बना रहता है.न्यूरोलॉजिकल और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा अधिक है.वैक्सीन लेने वालों में स्वास्थ्य सुधार के बेहतर परिणाम.
कोविड-19 महामारी खत्म हो चुकी है, लेकिन इसका असर अब भी कई लोगों पर बना हुआ है. खासतौर पर वे लोग, जो इस बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए थे, अभी भी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं. दो अलग-अलग अध्ययनों में पाया गया कि कोविड से प्रभावित लोगों को न्यूरोलॉजिकल, सांस संबंधी और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा लंबे समय तक बना रहता है.
पहले अध्ययन में, फ्रांस के वैज्ञानिकों ने लगभग 64,000 लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया, जिन्हें 30 महीने तक ट्रैक किया गया. यह शोध ‘इन्फेक्शियस डिजीज’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ. अध्ययन में पता चला कि कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती हुए लोगों में किसी भी कारण से मृत्यु दर अधिक रही, हर 1 लाख में 5,218 लोगों की मौत हुई.
इन 30 महीनों में, ऐसे लोगों को किसी भी बीमारी के कारण दोबारा अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक रही. खासकर, उन्हें न्यूरोलॉजिकल, मानसिक, हृदय और सांस संबंधी समस्याओं का ज्यादा खतरा था.
हालांकि पुरुषों और महिलाओं में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना समान थी, लेकिन मानसिक समस्याओं के कारण महिलाओं को अधिक भर्ती होना पड़ा। वहीं, 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को अंगों से जुड़ी बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती होने का अधिक खतरा था।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि कोविड से प्रभावित लोगों में न्यूरोलॉजिकल और सांस संबंधी बीमारियों, क्रोनिक किडनी फेल्योर और मधुमेह का खतरा 30 महीने तक बना रहा।
डॉ. चार्ल्स बर्डेट के अनुसार, “अस्पताल में भर्ती होने के 30 महीने बाद भी कोविड-19 के मरीजों को गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं और मृत्यु का खतरा बना रहा, जो इस बीमारी के दूरगामी प्रभावों को दर्शाता है।”
शोध की प्रमुख लेखिका डॉ. सारा टुबियाना ने कहा, “यह अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि कोविड-19 का असर केवल शुरुआती संक्रमण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लंबे समय तक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।”
दूसरा अध्ययन अमेरिका के रश, येल और वाशिंगटन विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने किया। इसमें 3,663 लोगों को तीन साल तक ट्रैक किया गया।
‘द लैंसेट रीजनल हेल्थ’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि लंबे समय तक कोविड से प्रभावित मरीजों की शारीरिक और मानसिक सेहत तीन साल बाद भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई। हालांकि, जिन लोगों ने वैक्सीन ली थी, उनमें स्वास्थ्य सुधार के बेहतर परिणाम देखने को मिले।
First Published :
February 28, 2025, 23:57 IST
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कोरोनावायरस के खत्म होने के बाद भी कम नहीं हुआ खतरा, हो सकती हैं ये समस्याएं