सात साल से बंद है इस मशहूर मंदिर के कपाट, बाहर से ही हाथ जोड़ लौट जाते हैं लोग, कभी जुटती थी हजारों की भीड़

भारत में इन दिनों हर तरफ माहौल शिवमय हो गया है. सावन में भोलेनाथ की पूजा की जाती है. ऐसे में देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. ऐसे कई मंदिर हैं, जहां सावन में भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है. लेकिन अजमेर में एक ऐसा शिवमंदिर है, जहां भक्त अपने भोले को देख भी नहीं पा रहे हैं. इसकी वजह है सात साल से मंदिर के कपाट बंद रखना.
हम बात कर रहे हैं अजमेर स्थित ब्रम्हा मंदिर परिक्रमा मार्ग की गुफा स्थित महादेव मंदिर की. इस मंदिर के कपाट सात साल से भक्तों के लिए बंद हैं. ये मंदिर पुष्कर जिला कलक्टर की देखरेख में संचालित होती है. लेकिन सात साल से भक्त जलाभिषेक करना तो दूर, भोले को देख भी नहीं पा रहे. सुरक्षा की बात कहकर मंदिर को सात साल पहले भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था. ऐसे में पहले जिस मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते थे, आज वहां सन्नाटा छाया रहता है.
सिर्फ पुजारी करते है पूजाभोलेनाथ मंदिर गुफा के ऊपर काफी कम जगह में बना हुआ है. ऐसे में हजारों भक्तों के जलाभिषेक के दौरान हादसा होने के डर से मंदिर का कपाट बंद कर दिया गया था. सात साल से भक्त इसके अंदर नहीं गए हैं लेकिन यहां लगातार पूजा होती है. मंदिर के पुजारी हर दिन यहां पूजा करते हैं. भक्त सिर्फ बाहर खड़े रहते हैं. वो बाहर से ही हाथ जोड़कर चले जाते हैं. इसके अलावा सीढ़ियों पर दानपत्र रखा है. भक्त उसमें दान कर बाहर चले जाते हैं.
दुबारा खोलने की हो रही मांगमंदिर में सात साल से दान लिया जा रहा है. लेकिन उन पैसों से मंदिर के जीर्णोद्वार का कोई काम नहीं करवाया गया है. ऐसे में भक्तों ने मंदिर के मैनेजिंग कमिटी से सवाल किया है. उनका कहना है कि सात साल में भी क्या मंदिर के पास इतने पैसे नहीं हुए हैं कि वो इसकी स्थिति सुधार सकें? बता दें कि सात साल पहले इस मंदिर में हर दिन हजारों भक्त आते थे. लेकिन 2016 में मंदिर के महंत की मौत हो गई. इसके बाद मंदिर की जिम्मेदारी किला कलक्टर की अध्यक्षता वाली कमिटी को सौंप दी गई थी. अब मंदिर को दुबारा भक्तों के लिए खोलने की मांग की गई है. लेकिन मंदिर के पुजारी का कहना है कि सुरक्षा को देखते हुए अभी इस बारे में फैसला नहीं किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 16:17 IST