अगले 3 साल में बदलने वाली है राजस्थान की सूरत, 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपयों के निवेश से जगमगाएगा प्रदेश

जयपुर. राजस्थान में आए दिन बिजली के संकट की खबरें सुर्खिया बनती हैं. मगर जनता अच्छी खासी परेशान होती है. मगर अब बिजली संकट के दौरे के बीच राजस्थान के उर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने बड़ा दावा किया है. हीरालाल नागर ने कहा कि राजस्थान सौर उर्जा के लिए पूरे देश में नम्बर वन पर है. मगर पिछली सरकारों ने कोई खास काम बिजली उत्पादन के क्षेत्र में नहीं किया. अब राजस्थान में अगले 3 साल में बिजली का उत्पादन बढ़ाया जाना है. इसके लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपयों का निवेश किया जा रहा है. साल 2027 तक राजस्थान बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा.
ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार ने मात्र 7 माह की अल्पावधि में कुसुम सी योजना में 4 हजार 386 मेगावाट के प्रोजेक्टों के एलओआई जारी कर दी है. इन अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को धरातल पर मिशन मोड में क्रियान्वित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के ऊर्जा उपक्रमों की मजबूत साझेदारी से राजस्थान जल्द ही ऊर्जा के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि अन्य राज्यों को बिजली उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश का पश्चिमी भू-भाग राजस्थान को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
31 हजार 825 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादनप्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में राजस्थान को केंद्र सरकार के साथ हुए यह एमओयू,एनटीपीसी, कोल इंडिया, पावर ग्रिड, सतलज जल विद्युत निगम तथा आरईसी जैसे देश के प्रतिष्ठित सार्वजनिक उपक्रमों के साथ एमओयू,1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किए. राजस्थान में इससे आने वाले समय में 31 हजार 825 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. राजस्थान को केंद्र ने अपने अनावंटित कोटे से 265 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलना शुरु हो गया है. केंद्र सरकार ने राजस्थान को 2 हजार मेगावाट बैटरी स्टोरेज क्षमता विकसित करने में भी भरपूर सहयोग का भी मिला.
FIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 16:06 IST