जल्द आएगी Mpox की पहली वैक्सीन ! WHO ने दी मंजूरी, संक्रमण से बचाने में 82% तक असरदार, इस कंपनी ने किया तैयार
WHO Approves First Mpox Vaccine: दुनिया के कई देशों में इस वक्त एमपॉक्स के केस मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. एमपॉक्स बीमारी लंबे समय से अफ्रीकी देशों तक फैली हुई थी, लेकिन अब यह दूसरे देशों में फैलने लगी है. एमपॉक्स को लेकर लोगों में चिंता का माहौल है, लेकिन अब एक राहत भरी खबर सामने आई है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने एमपॉक्स की पहली MVA-BN वैक्सीन को मंजूरी दी है. यह वैक्सीन बवेरियन नॉर्डिक (Bavarian Nordic) ने तैयार की है. एक्सपर्ट्स की मानें तो इस वैक्सीन के आने के बाद लोगों को एमपॉक्स से बचने में मदद मिलेगी.
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक बवेरियन नॉर्डिक की MVA-BN वैक्सीन को प्री-क्वालिफिकेशन लिस्ट में शामिल कर लिया गया है. WHO की प्री-क्वालिफिकेशन एक ऐसा प्रक्रिया है, जिसमें दवाओं और वैक्सीन की क्वालिटी, सेफ्टी और प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाता है. यह प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि सुरक्षित वैक्सीन ही बाजार में उपलब्ध हो. इस वैक्सीन की समीक्षा यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी ने की थी और इसके आधार पर डब्ल्यूएचओ ने इसे प्री-क्वालिफिकेशन लिस्ट में शामिल कर लिया है. अब स्थानीय और वैश्विक स्तर पर इस वैक्सीन की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकेगा.
WHO के अनुसार इस प्री-क्वालिफिकेशन से इस वैक्सीन को उन जगहों पर तेजी से लगाया जा सकेगा, जहां एमपॉक्स का सबसे ज्यादा प्रकोप देखा जा रहा है. इस वैक्सीन से एमपॉक्स से बचाव में मदद मिलेगी. WHO के महासचिव डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि एमपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन की पहली प्री-क्वालिफिकेशन बीमारी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है. अब जरूरी है कि वैक्सीनेशन के लिए खरीददारी, डोनेशन और वितरण में तेजी लाई जाए, ताकि जहां जरूरत है वहां वैक्सीन की समान पहुंच सुनिश्चित की जा सके और लोगों का जीवन बचाया जा सके.
किन लोगों को लगाई जा सकेगी यह वैक्सीन?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार MVA-BN वैक्सीन को 18 साल से ज्यादा लोगों को लगाया जा सकेगा और इस वैक्सीन की 2 डोज दी जाएंगी. ये दो डोज 4 हफ्तों के गैप पर दी जा सकती हैं. इस वैक्सीन को 2–8°C पर 8 हफ्ते तक रखा जा सकता है. अभी तक के डाटा से पता चलता है कि MVA-BN वैक्सीन की सिंगल डोज एमपॉक्स से बचाने में 76% इफेक्टिव हो सकती है, जबकि 2 डोज लेने पर यह वैक्सीन 82 फीसदी तक असरदार हो सकती है. हालांकि एमपॉक्स की चपेट में आने के बाद इस वैक्सीन को लगाया जाए, तो इसका असर कम हो सकता है. WHO ने 7 अगस्त 2024 को एमपॉक्स के वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए लिस्ट किया था और MVA-BN वैक्सीन की मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की थी.
एमपॉक्स ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी हुआ था घोषित
बीती 14 अगस्त को अफ्रीकी देश कांगो समेत कई देशों में एमपॉक्स के मामले मिलने के बाद डब्ल्यूएचओ ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न (PHEIC) घोषित किया था. साल 2022 से बाद अब तक 120 से अधिक देशों में एमपॉक्स के 103000 से ज्यादा मामलों की पुष्टि की जा चुकी है. इसी साल अब तक अफ्रीकी क्षेत्र के 14 देशों में 25237 केस मिले हैं और 723 मौतें दर्ज की गई हैं. इससे पता चलता है कि एमपॉक्स की स्थिति वैश्विक स्तर पर गंभीर हो गई है और इसे रोकने के लिए वैक्सीन की सख्त जरूरत है.
क्या है एमपॉक्स की बीमारी?
एमपॉक्स को एक वायरल इंफेक्शन है, जो मंकीपॉक्स के वायरस से फैलता है. 1970 के दशक से अफ्रीकी देशों में इसके केस आना शुरू हुए थे और यह बीमारी अफ्रीकी महाद्वीप तक ही सीमित था. हालांकि अब यह संक्रमण अन्य देशों में फैलने लगा है. इस वायरस को सबसे पहले बंदरों में पाया गया था, जिसकी वजह से इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया था. एमपॉक्स के लक्षण फ्लू जैसे होते हैं. इसकी चपेट में आने पर लोगों को तेज बुखार, खांसी और जुकाम की समस्या, शरीर में दर्द, अत्यधिक थकावट हो जाती है. साथ ही स्किन पर छाले (चकत्ते) होने लगते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 15:34 IST