जयपुर का वो हॉस्पिटल जहां उड़कर आते हैं परिंदे और स्वस्थ होकर खुद ही लौट जाते हैं!

अंकित राजपूत/ जयपुर- जयपुर सिर्फ इंसानों के लिए बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहां पक्षियों और पशुओं के लिए भी अनोखे और विशेष अस्पताल हैं. इन्हीं में से एक है मालवीय नगर स्थित पक्षी चिकित्सालय, जहां घायल, बीमार और बेसहारा पक्षियों का निःशुल्क इलाज किया जाता है.
खुले परिसर में चलता है अस्पतालयह चिकित्सालय किसी आम अस्पताल जैसा नहीं, बल्कि एक खुले परिसर में संचालित होता है.यहां पक्षियों को अलग-अलग पिंजरों में रखा जाता है और हर पक्षी के लिए अलग इलाज की व्यवस्था होती है. यह पूरा अस्पताल राजस्थान जन मंच संस्था द्वारा संचालित किया जा रहा है.
घायल, बीमार और बेसहारा पक्षियों का इलाजसंस्था के कार्यकर्ता राकेश चौधरी बताते हैं कि लोग अधिकतर ऐसे पक्षियों को लाते हैं जो सड़कों पर घायल अवस्था में मिलते हैं. अस्पताल में उनकी तुरंत जांच, ड्रेसिंग और दवाइयों से इलाज किया जाता है. गर्मियों में सबसे ज्यादा पक्षी पंखे से टकराकर या पानी की कमी के कारण घायल हो जाते हैं.
इलाज के बाद पक्षी खुद करते हैं डिस्चार्ज!इस चिकित्सालय की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां पक्षियों को जब यह महसूस होता है कि वे पूरी तरह ठीक हो गए हैं, तो वे अपने पिंजरे से उड़कर खुले आसमान में लौट जाते हैं. यहां के पिंजरों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वे ऊपरी हिस्से से खुले होते हैं जिससे स्वस्थ पक्षी अपनी मर्जी से उड़ सकें.
अकेलेपन से बचाने के लिए साथ रखा जाता है खरगोशयहां पक्षियों को अकेलेपन का अनुभव न हो, इसके लिए उनके पिंजरों में खरगोशों को भी रखा जाता है. इससे पक्षियों का मन लगा रहता है और उनका इलाज भी बेहतर तरीके से हो पाता है.
डोनेशन से चलता है पूरा अस्पतालइस अनोखे पक्षी चिकित्सालय का संचालन पूरी तरह से दान और सहयोग से होता है. लोग पैसे, दवाइयां, दाना-पानी और अन्य जरूरी सामान डोनेट करते हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से यहां की जानकारी दूर-दूर तक फैलती है, जिससे लोग अन्य शहरों से भी घायल पक्षियों को लेकर यहां पहुंचते हैं.
पक्षियों को बचाना, पर्यावरण को संवारनाइस अस्पताल के पीछे सोच यही है कि जब तक पक्षी बचेंगे, तब तक पर्यावरण संतुलित रहेगा. यही वजह है कि वर्षों से यह अनोखा पक्षी चिकित्सालय जन सहयोग से निरंतर कार्य कर रहा है.