अजब उलझन में हैं मंत्री जी! पुराने वालों का बंगले से मोह छूटता नहीं, नए को बंगला नसीब नहीं… मिल भी गया तो सता रहा ये डर!
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी कैबिनेट के 18 मंत्रियों सहित 50 सांसद चुनाव हार गए थे. दूसरी पार्टियों के भी तकरीबन इतने ही सांसदों की नैया डूब गई थी. आपको बता दें कि सांसदी नहीं रहने पर दिल्ली में बंगला चला जाता है, चाहे वह कितना ही बड़ा मंत्री या सांसद क्यों न हो. नियम के मुताबिक मंत्री या सांसदी नहीं रहने पर एक महीने के भीतर सरकारी बंगला खाली करना पड़ता है. लेकिन, 21 जून को नोटिस देने के बाद भी ज्यादातर मंत्रियों और सांसदों ने अभी तक बंगला खाली नहीं किया है. वहीं, दूसरी तरफ मोदी सरकार में पहली बार शामिल 26 नए राज्य मंत्रियों और आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों ने इन बंगलों और वास्तु को लेकर रिसर्च करना शुरू कर दिया है.
आपको बता दें कि मोदी कैबिनेट में शामिल इन नए-नए मंत्रियों के अगल-बगल रहने वाले सिपहसालारों रोज नए-नए आइडिया दे रहे हैं. कोई इन बंगलों की लिस्ट सौंप रहा है तो कोई फलां जी से बात करने की बंगला दिलाने की गारंटी दे रहा है. जानकारों की मानें तो साउथ के मंत्रियों के साथ-साथ बिहार और यूपी के मंत्रियों को लगता है कि साल-डेढ़ साल में अगर मोदी कैबिनेट का एक्सटेंशन होता है तो कहीं उनकी मंत्री पद न चली जाए. इसी को देखते हुए वास्तु का ध्यान रखा जा रहा है. इन मंत्रियों से मिलने आने वाले कहते हैं, ‘सर आप लेटर तो लिख कर भेजिए कि मुझे यह बंगला दिया जाए… मैं फिर देख लूंगा. नए-नए बने मंत्री जी बेचारे घर्म संकट में फंस गए हैं कि करें तो क्या करें. अगर इनकी बात मानते हैं तो मोदी जी और शाह जी को जानकारी मिल गई तो मेरी तो… दूसरी तरफ अगर सही वास्तु दोष वाला बंगला मिल गया तो मंत्रीपद न चला जाए.
बंगला को लेकर पशोपेश में नए मंत्री जीआपको बता दें कि पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, पूर्व ऊर्जा मंत्री आर के सिंह, पूर्व कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ-साथ कई और पूर्व मंत्रियों जैसे महेंद्र नाथ पांडेय , अजय मिश्रा, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति, संजीव कुमार बालियान, कैलाश चौधरी, रावसाहेब दानवे, कपिल पाटिल, भारती पवार, राजीव चंद्रशेखर, वी मुरलीधरन, भगवंत खूबा, निसिथ प्रमाणिक, सुभाष सरकार और डॉ. एल. मुरुगन चुनाव हार चुके हैं. इन लोगों ने अभी तक अपना अपना बंगला खाली नहीं किया है. इस वजह से मोदी सरकार में पहली बार शामिल तकरीबन कई मंत्रियों को अभी तक बंगला नहीं मिला है.
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सूत्रों की मानें तो तालकटोरा रोड़, अकबर रोड और तुगलक रोड, फिरोजशाह रोड पर खाली हुए पूर्व केंद्रीय और वरिष्ठ सांसदों के बंगले पर कई नए मंत्रियों के स्टॉफ ने देखना शुरू कर दिया है. जानकारी मिली है कि कुछ मंत्री ने वास्तु के हिसाब से हाउसिंग बोर्ड को आवेदन भेजना शुरू कर दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी और महेंद्र नाथ पांडेय के बंगले पर भी नए मंत्रियों की नजर है.
कैसे और किससे मांगे ठीक वास्तु वाला बंगलाअगर बिहार की बात करें तो 4 कैबिनेट मंत्रियों में से दो को नया बंगला मिलना लगभग तय माना जा रहा है. गिरिराज सिंह के पास पहले से ही लोधी रोड पर बड़ा बंगला है. ललन सिंह के पास भी दिल्ली में सांसद वाली बंगला है, लेकिन कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उनको अब और बड़ा बंगला मिल सकता है. इसी तरह जीतन राम मांझी के लिए भी उनके शुभचिंतक आवास खोज रहे हैं. कहा जा रहा है कि मांझी के शुभचिंतकों की नजर आर के सिंह के बंगले पर है.
इसी तरह मुजफ्फरपुर से पहली बार जीत कर आए और मंत्री बने राजभूषण चौधरी को भी मंत्री वाला बंगला मिल सकता है. राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे राम नाथ ठाकुर को भी अब मंत्री वाला बंगला मिलने की उम्मीद जगी है. वहीं, चिराग पासवान की बात करें तो उन्हें अपने पिता वाला बंगला 12 जनपथ में रहने के लिए 10-15 साल या उससे ज्यादा भी इंतजार करना पड़ सकता है. क्योंकि, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को 12 जनपथ का बंगला आवंटित हो चुका है. इसी एक और राज्यसभा सांसद से मंत्री बने सतीश चंद्र दुबे को भी मंत्री वाला बंगला मिलने की उम्मीद जगी है.
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FIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 17:34 IST