हिंदू-मुस्लिम कला का अद्भुत उदाहरण है तालाब शाही महल, मुगल काल से है कनेक्शन
धौलपुर जिले के बाड़ी कस्बे से 30 किलोमीटर दूर स्थित तालाब शाही झील और महल, हिंदू और मुस्लिम स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण है. लाल पत्थरों से बना यह महल अपनी अद्भुत वास्तुकला के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है. कहा जाता है कि 1622 में मुगल सम्राट जहांगीर ने अपने बेटे शाहजहां के लिए इस महल का निर्माण अपने सेनापति सुलहखान के माध्यम से करवाया था.
शाहजहां का शिकार और आनंद महलशाहजहां तालाब शाही महल और झील का उपयोग शिकार के दौरान आराम करने और आनंद महल के रूप में करते थे. यह महल पूरी तरह से लाल पत्थरों से निर्मित है, और दीवारों पर बनी नक्काशी इसे और भी आकर्षक बनाती है. महल के अंदर पुराने समय का एक टैंक भी रखा हुआ है, जिसका उपयोग राजा-महाराजाओं के लिए गर्म पानी की व्यवस्था के लिए किया जाता था.
राजा-रानी की कुर्सी और झील का दृश्यतालाब शाही झील के किनारे पर राजा-रानी नामक कुर्सियां बनी हुई हैं, जहां से राजा और रानी झील के खूबसूरत दृश्य का आनंद लिया करते थे. स्थानीय लोगों का मानना है कि ये कुर्सियां विशेष रूप से राजा और रानी के बैठने के लिए बनाई गई थीं, जिससे वे प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकें.
धौलपुर के जाट शासक का कब्जामुगल शासन के बाद तालाब शाही महल पर धौलपुर के जाट शासक महाराजा उदयभान सिंह ने कब्जा कर लिया और इसका जीर्णोद्धार करवाया. इस महल और झील का ऐतिहासिक महत्व बना रहा, और अब यह झील बाड़ी कस्बे और आसपास के कई गांवों को पानी की आपूर्ति करती है.
पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र: प्रवासी पक्षीतालाब शाही झील एक मानव निर्मित झील है, जो बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान बन चुकी है. यहां पिटल्स, कॉमन पोचार्ड और कॉमन टील जैसे पक्षी नियमित रूप से आते हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. झील और महल की सुरक्षा और देखरेख के लिए यहां बाड़ी सदर थाना भी स्थापित किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 17:22 IST