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जिस झील का पानी पीते थे निज़ाम, वही बनेगी आम जनता की सैरगाह, जानिए कब खुलेगा ऐतिहासिक तालाब

Last Updated:December 24, 2025, 15:59 IST

Hyderabad News : हैदराबाद का ऐतिहासिक बम-रुक्न-उद-दौला तालाब हैड्रा के पुनरुद्धार अभियान से 18 एकड़ में फैला, जनवरी 2026 में खुलेगा, पर्यटन और पर्यावरण को मिलेगा नया जीवन. वर्ष 1770 में निर्मित यह झील करीब 255 वर्ष पुरानी है. इसका निर्माण तीसरे निज़ाम सिकंदर जाह के प्रधानमंत्री नवाब रुक्न-उद-दौला ने करवाया था.

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हैदराबाद. दशकों की उपेक्षा और अवैध कब्जों की मार झेल रहा हैदराबाद का ऐतिहासिक बम-रुक्न-उद-दौला तालाब अब पूरी तरह बदल चुका है. कभी शहर की प्यास बुझाने वाला यह तालाब अब पुराने शहर के ग्रीन लंग के रूप में उभर रहा है. हैड्रा के नेतृत्व में चले व्यापक पुनरुद्धार अभियान के बाद झील अपने अंतिम स्वरूप में पहुंच चुकी है और इसे जनवरी 2026 में आम जनता के लिए खोलने की तैयारी है.

वर्ष 1770 में निर्मित यह झील करीब 255 वर्ष पुरानी है. इसका निर्माण तीसरे निज़ाम सिकंदर जाह के प्रधानमंत्री नवाब रुक्न-उद-दौला ने करवाया था. ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार इस झील का पानी इतना स्वच्छ और शुद्ध था कि इसे निज़ाम के शाही परिवार और चौमहल्ला पैलेस के लिए पेयजल के रूप में उपयोग किया जाता था. यह झील उस दौर में हैदराबाद की जल आपूर्ति व्यवस्था का अहम हिस्सा मानी जाती थी.

अतिक्रमण से सिमटी झील, फिर हुआ विस्तारएक समय यह झील लगभग 104 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई थी, लेकिन वर्षों तक हुए अतिक्रमण और उपेक्षा के चलते इसका क्षेत्रफल सिमटकर मात्र 4.12 एकड़ रह गया था. हैड्रा कमिश्नर ए.वी. रंगनाथ के अनुसार अगस्त 2024 में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने और सफाई का अभियान चलाया गया. इस अभियान के बाद झील का विस्तार बढ़ाकर करीब 18 एकड़ तक किया गया है. इस पूरे पुनरुद्धार प्रोजेक्ट पर लगभग 9.75 करोड़ रुपये की लागत आई है.

आधुनिक सुविधाओं से सजा नया पिकनिक स्थलझील को केवल एक जल निकाय के रूप में नहीं, बल्कि एक सामुदायिक और सार्वजनिक स्थल के रूप में विकसित किया गया है. झील के चारों ओर आकर्षक पैदल पथ बनाए गए हैं और बैठने के लिए बेंचें लगाई गई हैं. बच्चों के लिए अलग खेल क्षेत्र और बड़ों के लिए ओपन एयर जिम की सुविधा विकसित की गई है. पुराने शहर की संस्कृति को ध्यान में रखते हुए सौंदर्यीकरण में इस्लामी वास्तुकला की झलक शामिल की गई है. पूरे परिसर में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और देशी व औषधीय पौधों का रोपण किया गया है.

पर्यावरण और जल संरक्षण को मिलेगा लाभ
इस झील का पुनरुद्धार न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र के भूजल स्तर को सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. बाढ़ नियंत्रण के लिए इनलेट और आउटलेट चैनलों को मजबूत किया गया है, ताकि बारिश के दौरान आसपास की कॉलोनियों में जलभराव की समस्या न हो. कुल मिलाकर बम-रुक्न-उद-दौला तालाब का यह नया स्वरूप हैदराबाद के पुराने शहर को पर्यावरणीय और सामाजिक रूप से एक नई ऊर्जा देने वाला साबित होगा.About the AuthorAnand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

Location :

Hyderabad,Telangana

First Published :

December 24, 2025, 15:59 IST

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जिस झील का पानी पीते थे निज़ाम, वही बनेगी आम जनता की सैरगाह, जानिए कब खुलेगा

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