कोटा में बन रहे टनल की दूसरी ट्यूब भी हुई आर-पार, विदेश से मंगाई गई थी मशीनें, मनाया गया जश्न

Last Updated:May 06, 2025, 21:20 IST
Kota news today hindi: यह टनल न्यू ऑस्ट्रेलियन टनल मेथड (एनएटीएम) से बन रही है. मार्च 2021 में जीरो पाइंट उम्मेदपुरा से खुदाई शुरू की थी. रोज औसत 12 मीटर के करीब खुदाई होती थी. चट्टानें चीरने के लिए स्पेन, जर्म…और पढ़ेंX
देश में सबसे लंबी 8 लेन टनल की खुदाई पूरी 41 दिन बाद फिर बना जश्न
कोटा: दिल्ली-मुंबई भारतमाला एक्सप्रेस-वे के तहत कोटा के दर्रा में बन रही टनल की दूसरी ट्यूब भी गुरुवार को आर-पार हो गई. देश में सबसे लंबी 8-लेन टनल की अब दोनों ट्यूब की खुदाई पूरी हो गई है. इसके साथ ही 41 दिन बाद फिर यहां जश्न मनाया गया और तिरंगा लहराते हुए भारत माता के जयकारे लगाए गए. पहली ट्यूब 28 फरवरी को आर-पार हो गई थी. एनएचएआई और निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने टनल को फूलों से सजाकर ब्रेकथ्रू सेरेमनी मनाई.
दिलीप बिल्डकॉन के लाइजनिंग मैनेजर एसके सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 से टनल का काम चल रहा है. 4.9 किलोमीटर लंबी टनल में फिनिशिंग वर्क और सड़क का काम अक्टूबर अंत या नवंबर के पहले सप्ताह तक पूरा होने की संभावना है. इसके बाद इसे आवागमन के लिए खोल सकेंगे.
टनल क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा और प्रदूषण के लिए खास उपाय किए गए हैं. यह मुकंदरा टाइगर रिजर्व के 500 मीटर पहले से शुरू होगी और रिजर्व सीमा के 500 मीटर बाद तक रहेगी. टनल में सेंसर होंगे जो प्रदूषण बढ़ने पर एक्टिव हो जाएंगे. पहाड़ का यह हिस्सा सबसे कमजोर है, चट्टानें कच्ची हैं. बार-बार जांच कर आगे की खुदाई की गई. आने-जाने वाली दोनों टनल बीच में 12 जगह इंटरकनेक्ट रहेंगी.
न्यू ऑस्ट्रेलियन टनल तरीका किया गया इस्तेमालयह टनल न्यू ऑस्ट्रेलियन टनल मेथड (एनएटीएम) से बन रही है. मार्च 2021 में जीरो पाइंट उम्मेदपुरा से खुदाई शुरू की थी. रोज औसत 12 मीटर के करीब खुदाई होती थी. चट्टानें चीरने के लिए स्पेन, जर्मनी और अन्य देशों से मंगवाई ड्रिलिंग बूमर और शॉटक्रेट मशीनों से काम किया जा रहा है. पहाड़ को 3.89 मीटर अंडरग्राउंड और 18.15 मीटर चौड़ाई में काटते हुए इसे आरपार किया गया है.
यह खुदाई मार्च 2021 में शुरू हुई थी. करीब 2,000 कर्मचारियों ने दिन-रात काम किया. इसे नवंबर तक पूरा कर आम जन के लिए खोले जाने की संभावना है. टनल से ट्रैफिक शुरू होने पर मध्य प्रदेश के थांदला से दिल्ली तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. इसके साथ ही दर्रा में लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी. अभी एक्सप्रेस-वे का सारा ट्रैफिक दर्रा की नाल से निकल रहा है. इस कारण दिन में कई बार लंबा जाम लगता है.
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कोटा में बन रहे टनल की दूसरी ट्यूब भी हुई आर-पार, ऐसे मनाया गया जश्न