Health

जिस बासी भात को कूड़े में देते हैं फेंक वह गट हेल्थ के लिए दीवानगी की हद तक करता है काम, पूरे शरीर के लिए बन जाता है संजीवनी

Leftover Rice Benefits: कभी-कभी हमलोग ऐसी गतलियां करते हैं जिसका अंदाजा बहुत महीने या बहुत साल बित जाने के बाद लगता है. जिस बासी भात को अक्सर हम कूड़ेदान में फेंक देते हैं अगर विज्ञान के नजरिए से देखें तो वह गट हेल्थ के लिए संजीवनी है. इस बासी भात के इतने फायदे हैं कि इसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. इसका सेवन करना भी आसान है क्योंकि हमारा देश मुख्य तौर पर चावल प्रधान देश ही है और देश के हर कोने में चावल का सेवन किया जाता है. जापान में अधिकांश लोग ऐसा ही करते हैं. वे रात में चावल बनाकर रख लेते हैं और सुबह हल्का गर्म कर इसे खाली पेट खा लेते हैं. यह उनकी आदत है. अगर हम भी ऐसा करें तो यह हमारी गट हेल्थ के लिए वरदान साबित हो सकता है. सर गंगाराम अस्पताल की चीफ डायटीशियन डॉ. मुक्ता वशिष्ठ ने इस बासी भात के फायदों के बारे में विस्तार से बात की.

स्टार्च रेजिस्टेंस है गट हेल्थ के लिए वरदानडॉ. मुक्ता वशिष्ठ ने बताया कि बासी भात में एक नहीं बल्कि कई तरह के गुण बढ़ जाते हैं. सबसे पहले तो यह बेहतरीन प्रोबायोटिक हो जाता है. यह प्रोबायोटिक पेट यानी गट में जाकर हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं जिससे ये हेल्दी बैक्टीरिया हमारी गट हेल्थ को मजबूत बनाते हैं. आपको पता होना चाहिए कि जब हमारा पाचन सही रहेगा तो शरीर का सारा सिस्टम सही रहता है. अगर गट हेल्थ सही रहेगी तो इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही रहेगा और इससे हमारा हार्ट सही रहेगा. बासी चावल में रेजिस्टेंस स्टार्च बढ़ जाता है. रेजिस्टेंस स्टार्च फाइबर का एक प्रकार है जो कुदरती रूप से कई चीजों में पाया जाता है. इसकी खास बात यह है कि यह आसानी से पेट में पचता नहीं है. इसलिए जब तक यह आंत या गट में रहता है तब तक इसे बैक्टीरिया या पेट का माइक्रोब्स खाता रहता है जिस दौरान इसका फर्मेंटेशन होता है और इस प्रक्रिया में कई तरह के कंपाउड बनते रहते हैं. ये सब पेट की लाइनिंग को सुकून पहुंचाता है और इससे इंफ्लामेशन भी नहीं होता है. एक तरह से यह पेट को इतना सुकून पहुंचाता है कि पूरे शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता है.

कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को कम करतारेजिस्टेंस स्टार्च का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जिस चीज में रेजिस्टेंस स्टार्च होता है उस चीज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम कर देता है. इससे ब्लड शुगर की मात्रा कम हो जाती है. यहां तक कि इससे खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम हो जाती है. बोस्टन कैंसर इंस्टीट्यूट का डायटीशियन एनेटी एम गोल्डबर्ग कहती हैं कि कुछ स्टडी में रेजिस्टेंस स्टार्च से कुछ कैंसर के जोखिम को कम करने का भी दावा किया गया है. यानी यह कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है. दूसरी ओर शुगर और कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए बासी भात बहुत फायदेमंद है.

बासी भात को कैसे करें सेवनडॉ. मुक्ता वशिष्ठ कहती हैं कि जापान में इसे रात में बना लिया जाता है और फिर उसे छोड़ दिया जाता है और सुबह हल्का गर्म कर इसे खा लिया जाता है. यहां भी ऐसा ही किया जा सकता है. आप चाहे तो सुबह में बासी भात को माइक्रोवेव में गर्म कर लें और फिर इसे ठंडा कर खा लें या आप फ्रीज में रखे चावल को थोड़ी देर तक बाहर रख लें और इसे फिर से कुकर में थोड़ा पानी देकर चढ़ा दें, जैसे आपने चावल को पहली बार बनाते समय किया था. इसके बाद एक-दो सीटी मारने के बाद इसे निकाल लें और इसे ठंडा कर सेवन करें. डॉ. मुक्ता वशिष्ठ कहती हैं कि हालांकि बासी चावल को कभी भी फ्राई करने की कोशिश न करें, इससे कोई फायदा नहीं होगा.

इसे भी पढ़ें-हल्के में न लें, मोबाइल का जुनून आपकी हड्डियों को दे सकता है 5 बीमारियां, ऐसे चटकने लगेंगी कि पता भी नहीं चलेगा

इसे भी पढ़ें-सुबह-सुबह कर लीजिए ये 5 छोटे-छोटे काम, लिवर और किडनी दोनों की एक साथ हो जाएगी सफाई, खुश भी रहेंगे ज्यादा

Tags: Health, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 17:12 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj