कहानी 112 साल पुरानी, पर याद बिलकुल ताजा, डूबते टाइटैनिक से बची महिला ने सुनाया आंखों देखा हाल

टाइटैनिक जहाज अप्रैल 1912 में समंदर में समा गया था. यह दुनिया का सबसे बड़ा सुमुद्री हादसा माना जाता है. जब टाइटैनिक को अपनी पहली समुद्री यात्रा पर निकला था, तब यह घटना घटी. अपने यात्रा के दौरान एक आइसबर्ग से टकराने के बाद वह दो हिस्सों में बंट गया था और धीरे-धीरे समंदर में समाते चला गया था. इतिहास के इस काले अध्याय में 1500 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी.
इस हादसे में कुछ लोगों की जान लाइफ बोट से बचाई भी गई. हम आज टाइटैनिक की सर्वाइवर की जुबानी उस दिन की कहानी. वह भी टाइटैनिक पर सवार थी, उन्होंने जहाज को डूबते हुए देखा, म्यूजिशियन को डूबते जहाज पर इंस्ट्रूमेंट बजाते देखा था, उनको भरोसा नहीं था कि ऐसा कुछ हो सकता है या ऐसा संभव है. वह आखिरी लाइफ बोट से बचाईं गईं थी, उनकी कहानी बहुत मार्मिक है, उस समय की याद दिलाती है, जब समुंदर न डूबे जाने का दावा वाला जहाज गहराई में समाते जा रहा था.
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65 साल पुराना इंटरव्यूयह 65 साल पुराना इंटरव्यू है, पर उनकी कहानी बिलकुल फ्रेश और ताजी है. कहानी सुनते हुए आप केट विंसलेट और लियोनार्डो डिकैप्रियो की हॉलिवुड की मूवी- टाइटैनिक की आखिरी सीन के यादों की सफर पर निकल जाएंगे. फिल्म में आपने देखा था कि जहाज डूब रहा है, लेकिन लोगों को शांत रहने में मदद रखने के लिए, म्यूजिशियन की टीम अंतिम क्षण तक इंस्ट्रूमेंट प्ले करते रही.
मैं जाना नहीं चाहती थी1959 में ली गई इंटरव्यू वाले वीडियो की शुरुआत टाइटैनिक की सर्वाइवर की महिला की इंटरव्यू से होती है. इंटरव्यूवर पूछता है- आपको पहली बार कब एहसास हुआ कि मामला बहुत गंभीर हो चुका है. इस पर महिला कहती है- मुझे लगा ही नहीं था कि चीजें इतनी गंभीर हो सकती हैं. मुझे तो लगा कि इसके (टाइटैनिक) जैसा जहाज कैसे डूब हो सकता है. यह संभव ही नहीं हो सकता है. महिला आगे बता रही है- सभी लोग बीजी थे, लाइफ बोट नीचे किया जा रहा था. जहाज के क्रू मेंबर काफी शानदार थे. हर कोई खुश था. घटना की गंभीरता के बारे में किसी को एहसास नहीं था. इसके बाद इंटरव्यूवर ने सवाल किया- आप कैसे बचे? महिला ने जवाब दिया- ‘आखिरी लाइफ बोट से.’ मैं जाना नहीं चाहती थी.