जगदीप: बॉलीवुड के सूरमा भोपाली की जिंदगी और करियर की कहानी.

नई दिल्ली. राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद खन्ना से लेकर ऋषि कपूर तक कई सितारों ने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया और लोगों को अपनी एक्टिंग और स्टाइल से मोहित किया. महमूद, जॉनी वॉकर, किशोर कुमार, असरानी से केश्टो मुखर्जी वो नाम हैं जिनके देखकरही लोग ठहाके लगाने के लिए मजबूर हो जाते थे.
‘शेर के मुंह से दूध छीन लाया हूं! … मतलब कि… शेर नहीं था, बिल्ली थी… लेकिन थी बहुत गुस्से में!’ 1975 में आई फिल्म ‘शोले’ का ये डायलॉग आपको याद होगा क्या इस डायलॉग पर्दे पर उतराकर लोगों की दिलों में खास जगह बनाने वाले एक्टर को आप पहचान पाए. अगर नहीं… तो ‘हमारा नाम सूरमा भोपाली ऐसे ही नहीं है, बहुत मार खाई है तब जाके ये नाम मिला है!’ इस डायलॉग से तो पक्का समझ गए होंगे. बात कर रहे हैं बॉलीवुड के सूरमा भोपाली यानी जगदीप की.
लोगों को हंसाया, जिंदगी में झेले दुखजगदीप हिंदी सिनेमा के एक मशहूर कॉमेडियन, जिन्होंने अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और दर्शकों को अपनी कॉमिक टाइमिंग से खूब हंसाया. लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कई दुख देखे. देश की आजादी के समय पिता का मौत हो गई और फिर परिवार दतिया से मुंबई आ गया. गरीबी ने स्कूल-कॉलेज छुड़वा दिया और फिर सड़को पर फेरी लगाने के लिए मजबूर कर दिया.
हिंदी सिनेमा के वो एक दिग्गज एक्टर और कॉमेडियन थे. फाइल फोटो.
पहली फिल्म से मिले सिर्फ 6 रुपयेजगदीप ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार की थी. उन्होंने बी.आर. चोपड़ा की फिल्म ‘अफसाना’ में एक बाल कलाकार के रूप में काम किया, जिसके लिए उन्हें सिर्फ 6 रुपये मिले थे. इसके बाद उन्होंने ‘दो बीघा जमीन’ और ‘हम पंछी एक डाल के’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता. ‘हम पंछी एक डाल के’ में उनके शानदार एक्टिंग के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें अपनी कलम तोहफे में दी थी.
फिल्म ‘शोले’ से मिली पहचानअमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की सदाबहार फिल्म ‘शोले’ के बारे में कौन नहीं जानता, जो 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी. इसे आज भी सबसे प्रभावशाली भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है और इस फिल्म में जगदीप का ‘सुरमा भोपाली’ का किरदार बहुत मशहूर हुआ. उनका यह किरदार आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है. जिसमें उनका डायलॉग था, ‘हमारा नाम सुरमा भोपाली ऐसे ही नहीं है’. इस रोल से उन्हें वैसी ही पहचान मिली, जैसे जय-वीरू के किरदार से अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र को.
सलमान के पिता बनकर भी लूटी महफिलफिल्म इंडस्ट्री में उनका करियर 70 सालों तक चला. अपने करियर के दौरान, फिल्म ‘शोले’ के अलावा, उन्होंने ‘ब्रह्मचारी’, ‘दो बीघा जमीन’, ‘पुराना मंदिर’, ‘अंदाज अपना अपना’ जैसी दर्जनों सुपरहिट फिल्में दीं. 1994 की फिल्म ‘अंदाज अपना अपना’ में सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी ने सलमान खान के पिता का किरदार निभाया था.
‘शोले’ से उन्हें नेम और फेम मिला था.
क्या है असली नामफैंस उन्हें या तो जगदीप के नाम से जानते थे या सूरमा भोपाली के नाम से. हालांकि, उनका असली नाम कुछ और था, जिससे 90 प्रतिशत लोग आज भी अनजान हैं. जगदीप का असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था.
तीन शादियां और 6 बच्चेजगदीप की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने तीन शादियां कीं. उनकी पहली पत्नी का नाम नसीम बेगम, दूसरी पत्नी का नाम सुघ्र बेगम और तीसरी पत्नी का नाम नजीमा है. जगदीप ने तीन शादियां की और उनके 6 बच्चे हैं. बेटा हुसैन जाफरी (पहली पत्नी), जावेद जाफरी और नावेद जाफरी (दूसरी पत्नी) तो वहीं दो बेटियां शकीरा शफी और सुरैया जाफरी (पहली पत्नी) और मुस्कान (तीसरी पत्नी) हैं. जावेद जाफरी और नावेद जाफरी एंटरटेनमेंट की दुनिया के जाने-माने नाम हैं.