126 वर्षों से चली आ रही परंपरा, भगवान नरसिंह द्वारा हिरण्यकश्यप के पुतले का किया जाता है वध
कोटा. कोटा में भगवान श्री नरसिंह की जयन्ती का भव्य आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम का आयोजन अग्रवाल वैष्णव मोमीयां पंचायत द्वार गांधी चौक रामपुरा पर मंगलवार को किया जाएगा. यहीं पर हिरण्यकश्यप के 25 फीट के पुतले का वध किया जाएगा.
संस्था के प्रवक्ता संजय गोयल ने बताया कि भगवान नरसिंह के स्वरूप द्वारा हिरण्यकश्यप के पुतले का वध किया जाएगा. राम दरबार व शिवजी, हनुमान व भक्त प्रह्लाद की झांकी सजाई जाएगी. सायंकाल सूर्यास्त होते ही समय 6.45 बजे नृसिंह भगवान प्रकट होंगे. इसके बाद हिरण्यकश्यप के पुतले का वध होगा. महाआरती की जाएगी तथा बाद में ठंडाई व प्रसाद वितरण होगा.
126 सालों से चली आ रही यह परंपरासंस्था के अध्यक्ष चेतन मित्तल ने बताया कि यह परंपरा पिछले 126 वर्षों से चली आ रही है. पहले यह समारोह रामपुरा चौक में होता था. सन 1905 में दरबार द्वारा नरसिंह धर्मशाला के सामने (अभी गांधी चौक है) जगह उपलब्ध कराई. तब से समाज द्वारा जनता जन के लिए समारोह आयोजित होता आ रहा है. इसमें भगवान नरसिंह द्वारा हिरण्य कश्यप के पुतले का वध किया जाता है.
आम लोग पुतले के कागज व लकडियां अपने घरों में ले जाकर घर के बाहर लगाते हैं. इससे साल भर कोई परेशानी न हो. इसके बाद कई माताएं अपने छोटे छोटे बच्चों को भगवान की गोद मे देती हैं और आशीर्वाद दिलाती हैं. मान्यता है कि इससे बच्चे रात को डरते नहीं हैं और बीमारियों से दूर रहते हैं.
छप्पन भोग व फूल बंगला सजेगा भजन संध्या होगीकिशोरपुरा दरवाजे पर स्थित प्राचीन नरसिंह मंदिर के पुजारी मयंक शर्मा ने बताया कि कोटा में यह एक मात्र नरसिंह मन्दिर है. यह मंदिर 200 वर्ष पुराना है कोटा महाराज पूजा करने आते थे. नरसिंह भगवान पर चंदन का लेप लगाना बहुत शुभ होता है. लम्बे समय से जो व्यक्ति बीमार है उसे नरसिंह भगवान पर चढ़ाया चन्दन रोगी के माथे पर लगा तो सेहत में सुधार होने लगता है.
कागज पर अपनी समस्या लिखकर लाते हैं लोगपुजारी मयंक शर्मा ने बताया कि लोग अपनी समस्या को कागज में लिख वहां रखकर जाते हैं. इस दौरान हाथों में शुभ नरसिंह पवित्रा बांधी जाएगी. जोकि दिव्य व चिरस्थायी सुरक्षा प्रदान करता है.
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FIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 14:46 IST