Rajasthan

130 KM की स्‍पीड में थी ट्रेन, रेलवे फाटक खुला था तो ऑटोमेटिक लग गए ब्रेक, माजरा जान झूम उठेगा दिल

हितेन्द्र शर्माजयपुर. भारत में बने ऑटोमेटिक रेलवे सेफ्टी सिस्टम कवच का राजस्‍थान में सफल इन्‍स्‍टॉलेशन कर दिया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को इसका ट्रायल किया, जब ट्रेन 130 किमी की स्‍पीड में थी और अगला रेलवे फाटक खुला हुआ था, तो ऑटोमेटिक ब्रेक लगे और फाटक से पहले ही ट्रेन रूक गई. कवच 4.0 को सवाईमाधोपुर-कोटा रेलवे लाइन पर लगाया गया है. यह ट्रेन कोलिज़न अवॉइडेंस सिस्टम से भी जाना जाता है. यह सिस्‍टम रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन का उपयोग करता है.

प्रदेश में रेलवे ने कवच का नया वर्जन 4.0 (फोर पॉइन्ट ओ) लॉन्च किया है. यह पूरी तरह से अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली है, जो रेल दुर्घटना की रोकथाम में संजीवनी की तरह होगी. इसके साथ ही ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में इसकी उपयोगिता का लोहा माना जा चुका है. प्रदेश में सवाई माधोपुर से कोटा के बीच इसे देश में सबसे पहले लगाया गया है जो 108 किलोमीटर की दूरी में स्थापित किया गया है. अब इसे चालू भी कर दिया गया है.

ऑटोमेटिक रेलवे सेफ्टी सिस्टम है कवचकवच भारत में ही बनी एक ऑटोमेटिक रेलवे सेफ्टी सिस्टम है जो ट्रेन कोलिज़न अवॉइडेंस सिस्टम (TCAS) के नाम से साल 2012 से देश में विकसित की गई. जिसे आर्मर यानी कवच नाम दिया गया है. यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) उपकरणों का एक खास सेट है जिसे लोकोमोटिव यानी इंजन और सिग्नलिंग सिस्टम के साथ-साथ पटरियों में भी इन्स्टॉल किया जाता है. यह सिस्टम ट्रेनों के ब्रेक को नियंत्रित करने के लिये अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग करके एक-दूसरे से जुड़ते हैं और लोको पायलट को भी लगातार सतर्क करते रहते हैं. यह पूरा सिस्टम इसी तरह से प्रोग्राम्ड होता है.

130 टॉवर, 78 कवच भवन, गलती नहीं होगीइस रूट पर 130 टावर लगाए गए हैं जिनके लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है. 78 कवच भवन भी बनाए गए हैं, साथ ही साथ 178 सिग्नलिंग इंटरफेस और एक SPLS नेटवर्क भी बनाया गया. कवच 4.0 में किसी भी तरह की त्रुटि ना रहे इसके लिए इसके डिजाइन का कई बार परीक्षण किया गया है.

ट्रेन की स्‍पीड को करेगा कंट्रोलइसकी उपयोगिता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह ट्रेन की स्पीड को ही नियंत्रित कर सकता है. स्पीड पर नियंत्रण दुर्घटनाओं को काफी कम कर देता है. मसलन, यदि ट्रेन की स्पीड तय सीमा से 2 किमी प्रतिघंटा भी ज्यादा है तो कवच ओवरस्पीड अलार्म बजा देगा. और यदि ट्रेन की स्पीड 5 किमी प्रतिघंटा अतिरिक्त है तो यह खुद-ब-खुद यानी ऑटोमैटिक तरीके से ट्रेन के ब्रेक लगा देगा. वहीं, अगर ट्रेन की स्पीड 9 किमी प्रतिघंटा अतिरिक्त है तो सिस्टम इमरजेंसी ब्रेक लगा देगा.

Tags: Indian Railway news, Kota news, Rajasthan news, Rajasthan News Update, Sawai madhopur news

FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 22:07 IST

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