जो न कर सकी पुलिस उसके लिए गांव वालों ने खुद थाम ली कमान, बीच जंगल में हुआ बड़ा काम
हाइलाइट्स
गया में पुलिस नहीं बल्कि ग्रामीण कर रहे हैं शराब भट्ठियों को ध्वस्त. हजारों लीटर देसी शराब को भी किया गया नष्ट, ड्रम आग के हवाले.
गया. बिहार में शराबबंदी वर्ष 2016 से लागू है और अब आठ वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अब भी अवैध तरीके से शराब बड़े पैमाने पर बनाई जा रही है और बेची भी जा रही है. इसके लिए सरकार ने शराब कारोबार को खत्म करने के लिए और शराब माफिया को पकड़ने के लिए कई तरह की तकनीक अपनाई गई है. कभी ड्रोन की मदद से कभी डॉग स्क्वॉयड की मदद से माफियाओं पर नकेल कसी जा रही है. लगातार पुलिस इस तरह की कार्रवाई करने में जुटी हुई है. लेकिन, सुदूर गांवों में जहां पुलिस नहीं पहुंच पाती है, जहां पुलिस के ड्रोन नहीं पहुंच पाते हैं, वहां ग्रामीण खुद ही पहुंचकर शराब के विरुद्ध कार्रवाई करने में जुटे हुए हैं. यही नहीं गांववाले खुद शराब की भट्ठियों को भी नष्ट कर रहे हैं. इस क्रम में गया में एक बार फिर हजारों लीटर महुआ शराब को भी नष्ट किया गया है.
मामला गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बिहार झारखंड के बॉर्डर डुमरिया प्रखंड के बोधि बिगहा थाना क्षेत्र के जंगल से सामने आया है. यहां ग्रामीणों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब भट्ठी को ध्वस्त किया है. जबकि, 75 ड्रम महुआ शराब को भी जमीन में गिराकर भी नष्ट किया है. यहां के जंगलों में झारखंड के शराब तस्कर के द्वारा देसी शराब का निर्माण कराया जा रहा था. ग्रामीणों ने हुरमैथ के जंगल में चल रही 4 साल से दारु भट्ठियों को ध्वस्त किया.
बता दें कि यहां पर पुलिस के द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी. तब जाकर ग्रामीणों ने दारू भट्ठियों पर हमला बोलते हुए हजारों लीटर देसी महुआ शराब को विनष्ट किया. इस दौरान ग्रामीणों को देखकर शराब माफिया भागने में सफल रहे. बताया जाता है कि झारखंड के शराब माफिया सहाब यादव और ज्ञानेश्वर यादव सहित अन्य लोग मिलकर बिहार-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र के जंगलों में बड़े पैमाने पर शराब बनाते हैं.
FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 19:01 IST