राजस्थान में भी है केदारनाथ और बद्रीनाथ का मंदिर, गुफा में रहते है पुजारी, जानिए क्या है मान्यता

दर्शन शर्मा / सिरोही: उत्तराखंड में चारधाम में से दो प्रमुख धाम केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन का महत्त्व काफी अधिक है. मौसम को देखते हुए यदि आप उत्तराखंड नहीं जा पा रहे है तो आपको चिंता करने की जरीरत नहीं है. अब इनके दर्शन आप माउंट आबू में भी कर सकते हैं. माउंट आबू के उतरज गांव के निकट स्थित ये दोनों प्राचीन मंदिरों को लेकर मान्यता है कि इन मंदिरों में आने से उत्तराखंड के केदारनाथ और बद्रीनाथ जितना ही पुण्य मिलता है. ज्ञात हो माउंट आबू पर्वत को हिमालय का पुत्र नंदीवर्धन पर्वत ने यहां लाने की मान्यता है, जिसे अर्बुदनाग ने ब्रह्मखाई के ऊपर उठा रखा है.
इन दोनों मंदिरों को लेकर भक्तों में काफी आस्था है. यहां सिरोही जिले के अलावा गुजरात से भी भक्त दर्शन करने आते हैं. यहां पहुंचने की राह आसान नहीं हैं. मंदिर पहुंचने के लिए आपको माउंट आबू से अरावली की सबसे ऊंची चोटी गुरुशिखर आना होगा. यहां से एयरफोर्स रोड के पास से आपको उतरज और शेरगांव के रास्ते होकर करीब 5-6 किलोमीटर पैदल पहाड़ियों से पगडंडी का सफर तय करना होगा. करीब दो-ढाई किलोमीटर की दूरी पर केदारनाथ मंदिर आता है. जहां सुंदर झरने के पास पहाड़ियों में मंदिर बना हुआ है.
गुफा में ही रहते हैं पुजारी और व्यवस्थापकमंदिर के व्यवस्थापक पुजारी भी पास में बनी गुफा में ही निवास करते हैं. यहां से उतरज गांव होकर करीब 3-4 किलोमीटर दूर बद्रीनाथ मंदिर हैं. जहां बद्रीनारायण जी की काले पत्थर की प्रतिमा और शिवलिंग स्थापित है. इन दोनों मंदिर के आसपास झरने और हरियाली का अतिसुंदर नजारा देखने को मिलता है. केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 2011 में किया गया था.
श्रावण में मुश्किल सफर तय कर पहुंचते हैं भक्तश्रावण मास में यहां भक्तों की काफी भीड़ रहती है. इस श्रावण मास में बद्रीनाथ मंदिर में मंदिर क्षेत्र माउंट आबू में बारिश के साथ ही गुरुशिखर और उतरज गांव के आसपास काफी धुंध हैं. ऐसे में ज्यादा दूरी तक दिखाई नहीं देता है. इसके बावजूद कई भक्त इन पथरीले रास्तों से इन मंदिरों तक पहुंचते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 11:55 IST