Rajasthan

There is no anti-incumbency wave in Rajasthan says gehlot | कांग्रेस अधिवेशन में गहलोत का मंत्रः सत्ता विरोधी लहर नहीं, फिर बनेगी कांग्रेस की सरकार

कांग्रेस के अधिवेशन में पारित किए गए तीन प्रस्ताव, अधिवेशन में हुई मीठी बातों के साथ ही कड़वी बातें, सीएम ने कहा, अधिकारी काम नहीं करते हैं तो प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजें

जयपुर

Updated: February 19, 2022 09:41:25 pm

जयपुर। लंबे अर्से बाद कांग्रेस का प्रदेशस्तरीय अधिवेशन आज बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। इस अधिवेशन में तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए हैं। पहले प्रस्ताव के मुताबिक राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक प्रचार कर लोगों को योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित करेंगे।

anti-incumbency wave

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दूसरा प्रस्ताव केन्द्र सरकार की विफलताओं को गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक पहुंचाने का पारित किया गया है। जबकि तीसरा प्रस्ताव बजट के संदर्भ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सुझावों से संबंधित है जो पारित कर मुख्यमंत्री को सौंपा गया है।

पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के मुताबिक अधिवेशन में करीब 30 लोगों को बोलने का मौका मिला। इस दौरान राज्य सरकार की गुड गवर्नेंस और केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों पर बातचीत हुई। अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि कार्यकर्ताओं की सुझावों को शामिल कर ही बजट प्रस्तुत करेंगे। अधिवेशन में 2024 में केन्द्र में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया।

अधिकारी काम नहीं करते तो प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजें
अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने भी केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं 23 फरवरी को पेश होने वाले बजट को लेकर सीएम ने कहा कि इस बार भी शानदार बजट पेश करेंगे। संगठन को प्रस्ताव देकर सरकार को काम बताने चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं को भी लगेगा कि सरकार ने हमारी मांगे मानी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हम कर्मचारियों की नाराजगी की वजह से हार गए। फिर मोदी लहर में सरकार चली गई। इस बार हम ऐसी योजनाएं लेकर आए हैं जिससे जनता को सीधा फायदा मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कहा कि इस बार अब तक सत्ता विरोधी लहर नहीं है और राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी। वहीं अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को सम्मान और ब्यूरोक्रेसी के हावी होने की बातें भी उठीं।

इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि समस्याओं को लेकर जिलाध्यक्ष के साथ डेलीगेशन अधिकारियों के पास जाए। इससे किसी कलेक्टर, बीडीओ या मंत्री की हिम्मत नहीं होगी कि आपकी बात का सम्मान नहीं करे। वहीं सीएम गहलोत ने कहा कि इस तरह के अधिवेशन जिला स्तर पर भी आयोजित कर प्रस्ताव पारित करने चाहिए। जो भी अधिकारी काम नहीं कर रहा है उसके खिलाफ यदि प्रस्ताव पारित कर भेजा जाएगा तो सरकार उस पर कार्रवाई करेंगे।

इससे पहले पीसीसी चीफ डोटासरा का कहना है कि अधवेशन में मीठी बातों के साथ ही कड़वी बातें भी हुईं। उन्होंने कहा कि मंत्री-विधायक जनता के बीच जाएं और उनकी बातें सुनें। साथ ही ब्यूरोक्रेट्स को भी जनप्रतिनिधियों-कार्यकर्ताओं की बात को तवज्जो देनी चाहिए।

कार्यकर्ता पार्टी की रीढ की हड्डी है लिहाजा उनकी बात को तवज्जो मिलनी चाहिए। डोटासरा ने कहा कि अधिवेशन से कार्यकर्ताओं में नए जोश और उत्साह का संचार हुआ है। पार्टी कार्यकर्ता भाजपा के पाखंड और प्रोपेगेंडा का पुरजोर तरीके से मुकाबला करेंगे।

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