There will be arrangements for darshan in the temple of Kuldevi Chamunda Mata located in Mehrangarh – News18 हिंदी

कृष्णा कुमार गौड़/जोधपुर: मेहरानगढ़ के पश्चिमी छोर पर स्थित प्रतिहारों की कुलदेवी चामुंडा माता मंदिर में चैत्री नवरात्रि का शुभारंभ आज कुंभ स्थापना के साथ हो गया है. नवरात्रि के दौरान प्रशासन के निर्देशानुसार मंदिर के द्वार सुबह 7 बजे से खोल दिए गए हैं. आमजन माताजी के दर्शन सुबह 7 बजे से सायं 5 बजे तक कर सकेंगे. इस दौरान शराब साथ लाने व मंदिर में शराब पीकर आने वाले दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
वहीं मंदिर में पॉलिथीन बैग में प्रसाद लेकर आना निषेध रहेगा. मेहरानगढ़ के महाप्रबंधक जगतसिंह राठौड़ ने बताया, सप्तशती पाठ का संकल्प और स्थापना का मुहूर्त सुबह 11.20 से दोपहर 12.10 बजे का निकला. जोधपुर राजपरिवार की इष्ट देवी मां चामुंडा की पूजा अर्चना करने के लिए महाराजा गजसिंह, महारानी हेमलता राज्ये उपस्थित रही. पंडित घनश्याम त्रिवेदी ब्रह्म मुहुर्त में मां चामुंडा, मां कालकाजी, को मां सरस्वती एवं बेच्छराजजी की मूर्तियों को पवित्र जल से स्नान करवा लाल रंग की कोर तुर्रियां लगी पोषाक धारण करवाई. प्रातः काल मंदिर के शिखर मुख्य ध्वजा चढ़ाई गई और चारों दिशाओं में छोटी ध्वजाएं चढ़ाई गई.
मुहूर्त अनुसार स्थापना
चामुंडा मंदिर के पास उपासनालय कक्ष में नौ वेदपाठी ब्राहाण स्थापना से अष्टमी 09 से 16 अप्रैल तक दुगार्पाठ का वाचन करेंगे. अष्टमी 16 अप्रैल की रात हवन शुरू होगा जिसकी पूर्ण आहुति नवमी 17 अप्रैल को सुबह 11:10 बजे से 12.05 बजे के बीच महाराजा गजसिंह एवं महारानी हेमलता राज्ये की ओर से की जाएगी. नवमी 17 अप्रैल, को तिलक आरती 12.05 बजे होगी और इसके बाद स्थापनाजी के उत्थापना का मुहुर्त दोपहर 12:15 से 12.50 बजे तक है.
प्रसाद चढ़ाने की व्यवस्था अलग से
प्रशासन के सुझावानुसार प्रसाद चढ़ाने के लिए बसंत सागर पर महामृत्युंजय मूर्ति वाले मार्ग पर पुरुषों के लिए एवं पट्टे पर महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. जहां अतिरिक्त ब्राह्राणों की व्यवस्था प्रसाद चढ़ाने के लिए की गई है जिससे मंदिर परिसर में भक्तगण मां के दर्शन कर पुनः लौट सकेंगे. नारियल बड़ा करने के लिए महिलाओं के लिए पट्टे पर ही व्यवस्था की गई है और पुरुषों के लिये बसन्त सागर के पास व्यवस्था की गई है.
महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धजनों के लिए अलग से व्यवस्था
प्रशासन के निर्देशानुसार सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया है. जयपोल के बाहर से ही एक पंक्ति में लाईनों की व्यवस्था की गई जो मंदिर तक रहेगी. वहीं डीएफएमडी गेट से ही जयपोल व फतेहपोल से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा. किले के पट्टे पर महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धजनों के लिये आने-जाने की व्यवस्था की गई है वे वहीं से जाएंगे और वहीं से आएंगे. इसी प्रकार पुरुषों एवं युवाओं के लिए सलीम कोट से होते हुए बसंत सागर से आने-जाने की व्यवस्था की गई है. इन सभी स्थानों पर बेरिकेड्स लगाने का कार्य संपन्न किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 15:28 IST