Rajasthan

There Will Be No Disturbance In The Auction Of Mining Blocks – अब खनन ब्लॉक की नीलामी में नहीं होगा गडबड़झाला

राज्य में अब खनन ब्लॉकों की नीलामी में गडबड़झाला नहीं होगा।

जयपुर। राज्य में अब खनन ब्लॉकों की नीलामी में गडबड़झाला नहीं होगा। सीएम अशोक गहलोत ने इसकी पूरी प्रक्रिया का अध्ययन कराने के निर्देश दिए है। नीलामी प्रक्रिया और ऑनलाईन डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया के लिए खान विभाग के निदेशक सहित दस अधिकारियों की चार टीम बनाई गई है। यह चारों दल 26 जुलाई से 30 जुलाई के बीच दौरा कर अगले दस दिनों में राज्य सरकार को अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

इन राज्यों का करेगा दौरा—
मुख्यमत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य में खनन व खोज कार्य को गति देते हुए राजस्व बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की थी। खान विभाग के मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने अन्य प्रदेशों की प्रक्रियाओं का अध्ययन कर प्रक्रिया के सरलीकरण के निर्देश दिए थे। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया राज्य सरकार ने ओडीशा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में खनन ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का अध्ययन कराना तय किया है।

इनको दी जिम्मेदारी—
उन्हाेंने बताया कि उन्होंने बताया कि खान विभाग के निदेशक के.बी. पण्ड्या के साथ खनिज अभियंता जोधुपर कृष्ण शर्मा और भू वैज्ञानिक राजकुमार मीणा मध्यप्रदेश की व्यवस्था व प्रक्रिया का अध्यनन करेंगे। इसी तरह से अतिरिक्त निदेशक एन.के कोठ्यारी और खनिज अभियंता सतर्कता जयपुर जीनेश उमड ओडीशा, अधीक्षण खनिज अभियंता अनिल खेमसरा, खनिज अभियंता भीलवाड़ा लक्ष्मी नारायण और अधीक्षण भू वैज्ञानिक भीलवाडा एन.पी. सिंह कर्नाटक और अधीक्षण खनिज अभियंता डी.पी. गौड और खनिज अभियंता आमेट आसिफ अंसारी छत्तीसगढ़ जाएंगे और वहां की व्यवस्था और प्रक्रियाओं का अध्ययन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

पोटाश खोज व खनन में निवेश बढ़ाने के लिए होगा रोड़ शो

पोटाश के खोज व खनन क्षेत्र में निवेशकों को लाने के लिए दिल्ली मुंबई, बैंगलोर और कोलकता में रोड़ शो का आयोजन किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि रोड शो का आयोजन आरएसएमएमएल, एमईसीएल, खान विभाग द्वारा फिक्की, सीआईआई, एफआईएमआई के सहयोग से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश में राजस्थान पहला और अकेला प्रदेश है जहां पोटाश के विपुल भण्डार मिले हैं और इनके दोहन के लिए आधुनिकतम सोल्यूशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

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