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budhwar pradosh vrat katha: why should read after worship | budhwar pradosh vrat katha: बुध प्रदोष व्रत की कथा, जिसे पूजा के बाद पढ़ना जरूरी

locationभोपालPublished: Dec 20, 2022 04:17:30 pm

हर व्रत से संबंधित कुछ कथाएं हैं, जो हमें सीख देती हैं, साथ ही ईश्वर की महिमा को लेकर चित्त भी एकाग्र करती हैं। इसलिए पूजा के बाद इन कथाओं को पढ़ना सुनना चाहिए। आइये जानते हैं बुध प्रदोष की कथा क्या है।

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बुध प्रदोष व्रत कथा

भोपाल. 21 दिसंबर बुधवार को प्रदोष व्रत है, तमाम भक्त उपवास रखकर भगवान शंकर की पूजा अर्चना करेंगे। इस व्रत से व्यक्ति सुखी और संतोषी बनता है। वार के अनुसार किए जा रहे प्रदोष व्रत का फल भी इसी अनुरूप मिलता है। त्रयोदशी के दिन शिव की पूजा अर्चना से 100 गायों के दान के बराबर फल की प्राप्ति होती है। इस पूजा में प्रदोष यानी त्रयोदशी व्रत कथा भी पढ़नी, सुननी जरूरी है। इसलिए आइये आपको बताते हैं पौराणिक कथा।

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