इस पुस्तक में है झुंझुनूं की कहानी, लेखक ने किताब को लेकर दी जानकारी

झुंझुनू के संस्थापक झुंझा जाट नामक पुस्तक का विमोचन हो चुका है. यह पुस्तक राजेंद्र कस्बा के द्वारा लिखी गई है. जिसका विमोचन यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के द्वारा किया गया. इस पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम झुंझुनू के झांझर सिंह स्मारक में रखा गया था. जहां पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हुए एवं उनके सामने इस पुस्तक का विमोचन किया गया.
पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए लेखक राजेंद्र कस्वा ने बताया कि उन्होंने 2006 में झुंझुनू के इतिहास पर एक पुस्तक नेहरा पहाड़ बोलता लिखी थी. उस पुस्तक में आजादी से लेकर वर्तमान तक का वर्णन किया गया था. उसमें एक अध्याय झुझा के नाम से भी था. अब संस्था ने उस अध्याय के साथ में और भी तथ्यों को जोड़ते हुए एक पुस्तक लिखी है. जिसमें झुंझुनू की बसावट को लेकर झुंझार सिंह के योगदान के बारे में उसमें वर्णन किया गया है.
उन्होंने पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि झुंझा छठी सातवीं शताब्दी के मध्य एक पशुपालक के रूप में पहाड़ की तलहटी में अपना एक कबीला उन्होंने बसाया था. उस समय पर अधिकांश लोग कबिलों में रहते थे. उस समय नारहड एक रियासत हुआ करती थी. अपने पराक्रम व शौर्य से झुंझा को नरहड़ का सेनापति बनाया गया. इत्यादि वर्णन इस पुस्तक में किया गया है. राजेंद्र कस्वा ने बताया कि उन्होंने झुंझार सिंह के बारे में अनेक जगहों पर अध्ययन देखे हैं. वह कुछ क्विंदंतियों व लोक कथाओं को सम्मिलित करके इस पुस्तक का निर्माण किया गया है.
अपनी लेखन शैली के बारे में जानकारी देते हुए राजेंद्र कस्वा ने बताया कि वह अपने पढ़ने की समय से ही लेखन में रुचि रख रहे हैं. उनका पहला लेख आठवीं क्लास में पढ़ते हुए ही अखबार में छपा था. उसके बाद उन्होंने डाक विभाग में नौकरी की नौकरी से वीआरएस लेने के बाद में उन्होंने वकालत की वकालत के पश्चात भी उन्होंने अपना लेखन जारी रखा. अभी तक उनके द्वारा 15 किताबें प्रकाशित की गई है. एक किताब अभी भी उनकी प्रकाशधीन है जिस पर अभी जयपुर में काम चल रहा है.
FIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 16:43 IST