यह धाम बना गरीब और जरूरतमंदों की सफलता का मुकाम, विद्यार्थियों को रहने-खाने की मुफ्त सुविधा

बाड़मेर. कहते हैं अगर कोई काम निस्वार्थ भावना से किया जाए तो उसकी सफलता में कोई संदेह नहीं रहता. ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है भारत पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में. बाड़मेर में वीरेंद्र धाम कुछ ऐसा ही काम कर रहा है. यहां गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों को परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए बिलकुल मुफ्त रहने और खाने की सुविधा दी जाती है.
बाड़मेर का वीरेन्द्र धाम राजस्थान के पूर्व मंत्री रह चुके हेमाराम चौधरी की बेटी सुनीता चौधरी ने बनाया है. हेमाराम चौधरी ने अपने बेटे स्वर्गीय डॉक्टर वीरेंद्र की याद में निशुल्क जमीन दी थी. जमीन पर एडवोकेट सुनीता चौधरी ने करोड़ों की लागत से वीरेन्द्र धाम बनाया. पिछले साल से पहला बैच शुरू हुआ है.
पहले बैच को मिली कामयाबीवीरेन्द्र धाम में पहले बैच में 170 विद्यार्थी थे. इनमें से पहले साल में ही एक दर्जन से ज्यादा विद्यार्थियों की सरकारी नौकरी लग चुकी है. आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को यहां परीक्षा के जरिए प्रवेश मिलता है. इन विद्यार्थियों को यहां निःशुल्क आवास,भोजन और कोचिंग की सुविधा दी जाती है.
नेक काम जरूरतमंद बच्चों का मददगार धामआज मंगलवार को दूसरे बैच की प्रवेश परीक्षा में राज्य भर के 700 से ज्यादा विद्यार्थी शरीक हुए. पिछले बैच के विद्यार्थी रहे बिसारनिया के किशन सिंह डेलू बताते हैं वो वह मध्यम वर्गीय परिवार से है. मई 2023 में उसने वीरेन्द्र धाम में प्रवेश लिया था. यहां उसे ना केवल प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए अच्छा माहौल मिला. साथ ही डिजिटल लाइब्रेरी, विषय विशेषज्ञों का सानिध्य और निःशुल्क कोचिंग मिली. इसी वजह से किशन ने पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा में तृतीय श्रेणी फिर द्वितीय श्रेणी की परीक्षा पास की और हाल ही में लेक्चरर भर्ती परीक्षा में भी कामयाब रहा.
सफलता का सफरकिशन सिंह बताते हैं पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और उनकी बेटी एडवोकेट सुनीता चौधरी ने आर्थिक रूप ने निर्धन परिवारों के बच्चों के लिए यह जो मुकाम बनाया है,यह सही मायने में सफलता का धाम बना हुआ है. उसकी तरह दर्जन भर से ज्यादा बच्चे इस साल सरकारी नोकरी में लगे है.
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FIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 18:20 IST