शरीर की चमड़ी और सुंदरता बिगाड़ देगी ये बीमारी, गोल चकत्तों से होती है शुरुआत, फिर बरपाती कहर, जानें लक्षण और उपचार
Plaque Psoriasis: दुनियाभर में तमाम ऐसी बीमारियां हैं, जो दिखने में बेशक सामान्य लगती हों, लेकिन इनका असर बहुत भयावह होता है. ऐसी ही एक बीमारी का नाम है प्लाक सोरायसिस. जी हां, प्लाक सोरायसिस त्वचा की एक बीमारी है, जिसकी शुरुआत लाल पपड़ीदार चकत्तों से होती है. यह रोग महिला-पुरुष, जवान या बड़े किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है. लोग इन दानों को दाद समझकर लापरवाही कर जाते हैं, जो शरीर की चमड़ी और खूबसूरती दोनों को बिगाड़ सकते हैं.
हालांकि, सोरायसिस किसी तरह का संक्रमण या संक्रामक नहीं है. लेकिन यदि आपकी त्वचा पर दाद चकत्तेनुमा दाने दिखें तो इनके लक्षणों की पहचान कर इलाज जरूरी है. क्योंकि लापरवाही में यह बीमारी कहर बरपा सकती है. अब सवाल है कि आखिर प्लाक सोरायसिस है क्या? शरीर किस हिस्सों सबसे अधिक करती है प्रभावित, क्या हैं बीमारी कारण और बचाव के उपाय? इन सवालों के बारे में को जानकारी दे रहे हैं बहराइच के जनरल फिजिशियन एवं त्वचा रोग चिकित्सक डॉ. राहुल चौधरी-
क्या है प्लाक सोरायसिस?
डॉ. राहुल चौधरी के मुताबिक, सोरायसिस त्वचा से जुड़ी गंभीर बीमारियों में से एक है. इस बीमारी में शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली ही स्वस्थ्य कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती हैं. यह बीमारी सामान्यत: मोटी स्किन पर देखी जाती है. इसमें स्किन पर जगह-जगह परत बनने लगती है. त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते दिखने लगते हैं, फिर धीरे धीरे इन पर सफेद रंग की पपड़ी बनने लगती है. इसके अलावा, इन दानों में तेज खुजली होती है, जो बेहद असहनीय हो जाती है.
शरीर का यह हिस्सा होता है अधिक प्रभावित
क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, प्लाक सोरायसिस वैसे तो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन सामान्यतौर पर यह घुटने, कोहनी, स्कैल्प, हाथों के पंजों पर और पीठ के निचले हिस्से में होती है. स्किन पर बनने वाले चकत्ते का रंग मनुष्य के स्किन टोन पर भी निर्भर करता है. हल्की त्वचा पर यह गुलाबी रंग जैसी होती है जबकि वहीं गहरी त्वचा पर यह इसके चकत्ते बैगनी और पीलापन लिए होते हैं. यह एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है.
प्लाक सोरायसिस के मुख्य लक्षण
प्लाक सोरायसिस देखने में दाद जैसा लगता है. लेकिन, इसके परिणाम गंभीर होते हैं. यह बीमारी होने पर सफेद, चांदी जैसी या बदरंग लाल, भूरी स्किन दिखती है. इसके अलावा, दानों के बीच दरारे आना, उनसे हल्का खून आना, खुजली होना या फिर दर्द के साथ जलन होना भी इस बीमारी के लक्षण हैं.
प्लॉक सोरायसिस का कारण
वैसे तो प्लॉक सोराइसिस के वजहों की सटीक जानकारी नहीं हो सकी है, लेकिन हेल्थ साइंस इस बीमारी को प्रकृति और पोषण के मिश्रण के तौर पर मान रहे हैं. हालांकि, कुछ ऐसे पर्यावरण कारण भी हैं जो सोराइसिस को ट्रिगर करते हैं. कुछ एक्सपर्ट्स का मानन है कि प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से भी यह हो सकती है. वहीं, क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, प्लाक सोरायसिस जेनेटिक होता है, इसलिए इसका कारण आनुवंशिक भी हो सकता है.
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सोरायसिस के प्रकार
सोरायसिस के कई प्रकार हैं.
प्लेक सोरायसिस
गटेट सोरायसिस
पस्चुरल सोरायसिस
सोरियाटिक सोरायसिस
एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस
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प्लॉक सोरायसिस का उपचार
प्लॉक सोरायसिस की बीमारी की चपेट में आने पर खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि, गलत खानपान आपकी बीमारी को बढ़ा सकते हैं. इसलिए यदि आपको इस तरह की दिक्कत है तो पत्तेदार सब्जियां, सैल्मन फिश आदि का सेवन करना चाहिए. साथ ही जैतून के तेल को आप प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं. इसके अलावा, डेरी प्रोडक्ट, मीट और एल्कोहल का सेवन कम से कम मात्रा में करें.
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FIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 08:45 IST