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हिमालय में उगता है यह करामाती पौधा, दवाईयों का है बाप, हार्ट अटैक से लेकर कैंसर तक से करता है बचाव

श्रीनगर गढ़वाल. प्रकृति में कई जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिनमें अनेकों बीमारियों का इलाज होता है. एक ऐसी ही जड़ी-बूटी है डोलू (रीयम मूरक्रौफटीयेनम). यह मुख्यतः उत्तर भारत के उच्च हिमालय क्षेत्र जैसे उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पाई जाती है. यह पौधा 3 हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है. उत्तर भारत के हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों द्वारा इस पौधे को सब्जी के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. यह एक हर्ब स्पीशीज का पौधा है. इस पौधे की उंचाई  30 से 45 सेंटीमीटर तक होती है. इस पौधे में लाल और बैंगनी रंग के फूल खिलते हैं. इनसे इस पौधे की पहचान की जा सकती है. इस पौधे की जड़ों में रायोडीन, इमोडीन और अल्फारुइन केमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं, जिनके कारण इस पौधे की जड़ों में कई औषधीय गुण होते हैं.

गढ़वाल विश्विद्यालय के उच्च शिखरिय पादप कार्यिकी शोध केंद्र के रिसर्चर डॉ. जयदेव ने लोकल 18 को बताया कि जब यह पौधा लगभग चार साल का हो जाता है, तो तब इसकी जड़ों में औषधीय गुण पैदा होने शुरू होते हैं.

सूजन और दर्द को कर देती है गायब

डॉ. जयदेव बताते हैं कि इस पौधे की जड़ों में एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं. जिससे इसकी जड़ों के प्रयोग से सूजन को कम किया जा सकता है. अगर किसी व्यक्ति के पैर में मोच आ जाए, तो इसकी जड़ों और पत्तियों का लेप बनाकर प्रयोग करने से सूजन और दर्द कम होने लगता है. नियमित प्रयोग से यह सूजन और मोच दोनों को ठीक कर देता है.

ह्रदय सबंधी रोगों का खतरा हो जाता है कम

इसके अलावा हृदय संबंधी रोगों में भी इसकी जड़ के पाउडर का प्रयोग किया जाता है. इसके जड़ के नियमित सेवन से हृदय से जुड़ी हुई बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. इसके लिए जड़ और पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है. चाहें तो पत्तों का साग बनाकर भी खाया जा सकता है.

कैंसर जैसी बीमारी को रखता है दूर

सिर्फ इतना ही नही इसमें एंटीकैंसर प्रॉपर्टी भी पाई जाती है. अगर कोई व्यक्ति इसके पत्तों से लेकर जड़ तक का सेवन करें, तो यह पौधा आपके शरीर में कैंसर जैसी बीमारी के लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है. जिससे कैंसर जैसी बीमारी नहीं होती है. इसके साथ ही यह जड़ी-बूटी कब्ज की समस्या को भी दूर करती है. हिमालय क्षेत्र में रहने वाले लोग वर्षों से इस जड़ी-बूटी का सेवन करते आ रहे हैं. इसलिए वे निरोगी रहते हैं.

Tags: Health benefit, Hindi news, Local18

FIRST PUBLISHED : December 22, 2024, 06:55 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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