फर्राटेदार इंग्लिश बोलता है ये किसान! इस तरीके से खेती कर सबको कर दिया हैरान, कम पानी में कर रहा दमदार पैदावार

Last Updated:March 15, 2025, 08:38 IST
नवरंग सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आज उन्होंने 6.5 एकड़ भूमि के ऊपर 1650 के लगभग पौधे लगा रखे हैं. वह देश की कंस्ट्रक्शन कंपनियों में बड़े पदों पर काम कर चुके हैं.X
झुंझुनूं का फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाला किसान, कोरोना में शुरु की बागवानी, तीन
हाइलाइट्स
नवरंग सिंह पूनिया ने लॉकडाउन में बागवानी शुरू की.6.5 एकड़ भूमि पर 1650 पौधे लगाए.ड्रिप सिस्टम से पानी की बचत और वाटर हार्वेस्टिंग.
झुंझुनूं. झुंझुनू के नवरंग सिंह पुनिया पिछले 5 साल से बागवानी कर रहे हैं. शहर में रहकर भी बागवानी के लिए हर महीने गांव में आते रहते हैं. वह आज किसानों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. झुंझुनू के श्यामपुर गांव के रहने वाले नवरंग सिंह पूनिया मुख्य रूप से कंस्ट्रक्शन कंपनियों में बड़े पदों पर काम कर चुके हैं. देश के विभिन्न कोनों में घूम चुके नवरंग सिंह आज भी अपने गांव में पेड़ पौधों से इतनी जुड़े हुए हैं कि अपने 6 एकड़ खेत में बागवानी शुरू कर दी.
नवरंग सिंह पूनिया ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना में जब चारों ओर लॉकडाउन लगा हुआ था. साल भर घर बैठने के बाद कुछ करने का फैसला लिया तो सबसे पहले उन्होंने अपने खेत में ट्यूबवेल बनवाया. जिसमें सोलर प्लांट लगाकर के सही फार्मिंग करने का निश्चय किया. सही फार्मिंग से तात्पर्य है भूमि के अनुसार खेती, इसके लिए उन्होंने अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवाया पानी के पीएच की जांच करवाई ताकि मिट्टी में पानी के अनुसार अच्छी पैदावार देने वाली खेती को कर सकें. खेत की मिट्टी वह पानी के परीक्षण के पश्चात उन्होंने अपने खेत में मौसमी, किन्नू,माल्टा, नींबू, झाड़ी के पौधे लगाने का सुझाव उन्हें झुंझुनू कृषि विभाग से मिला. उसके पश्चात उन्होंने जिले के प्रमुख बागवानी कर रहे किसानों के फॉर्म का विजिट करके अपने खेत में फलदार पौधे लगाने का निश्चय किया.
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पर्यावरण संरक्षण में भी उनकी हम भूमिका
बागवानी में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी देते हुए नवरंग सिंह ने बताया कि एक साधारण किसान के लिए बागवानी करना थोड़ा मुश्किल है पर उनके पास अपना पूरा खेत बागवानी के लिए उपलब्ध था. उन्होंने बिना किसी अच्छी पैदावार की उम्मीद के बागवानी शुरू की पर 3 साल बाद उन्हें अच्छी खासी पैदावार मिलने लगी है. बागवानी में मौसम परिवर्तन का भी काफी फर्क पड़ता है पर अब भी संतुष्ट हैं कि उनके खेत पूरा हरा भरा है वह पर्यावरण संरक्षण में भी उनकी एक हम भूमिका है.
उन्हें जब भी समय मिलता है तो वह अपने खेत पर आते हैं विजिट करते हैं और प्रकृति के साथ जुड़े रहने का आनंद उठाते हैं. इन फलदार पौधों में पानी देने के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने पूरे खेत में ड्रिप सिस्टम लगवा रखा है. जिससे पानी भी ज्यादा खराब नहीं होता है. जरूरत के अनुसार पानी पौधों में डलता रहता है. जिससे वह वाटर हार्वेस्टिंग का भी काम कर रहे हैं. किसानों को प्रेरणा देते हुए उन्होंने बताया कि किसान को धीरे-धीरे अपने खेत में फलदार पौधे लगाने चाहिए जिससे उनकी पारंपरिक खेती भी कम ना हो और उनके खेत में फलदार पौधे भी तैयार हो जाए.
Location :
Jhunjhunu,Jhunjhunu,Rajasthan
First Published :
March 15, 2025, 08:38 IST
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फर्राटेदार इंग्लिश बोलता है ये किसान! इस तरीके से खेती कर सबको कर दिया हैरान