Rajasthan

This fort is a unique example of Kayamkhani style, it is spread over a radius of 8 km, – हिंदी

पीयूष पाठक/अलवरः अलवर जिले में वैसे तो कई किले है. लेकिन सबसे खास किला अलवर शहर से 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित . यह किला कायमखानी शैली से बना है. अलवर में अरावली की पहाड़ियों पर बना यह किला करीब 700 साल से भी ज्यादा पुराना है. बाला किला अपनी वास्तुकला एवं आकर्षक बसावट के लिए जाना जाता है. इस किले की खास बात यह है कि मुगल बादशाह बाबर ने इस किले में एक रात बिताई थी. साथ ही जहांगीर अपने निर्वाचन के 3 वर्षों तक इस किले में रहे थे. पिछले दो सालों से रिनोवेशन कार्य के चलते यहां पर पर्यटकों की एंट्री बंद थी. लेकिन एक बार फिर से अब यह भव्य बाला किला पर्यटकों के लिए शुरू हो चुका है.

इतिहासकार हरिशंकर गोयल ने बताया बाला किला की रियासत काल में दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए भी इस किले को खास तौर से तैयार किया गया था. दुश्मन पर बंदूक के चलने के लिए इस किले की दीवारों में क़रीब 500 से ज्यादा बड़े छेद बनाए गए हैं. इन छेदो से 10 फीट लंबी बंदूक से भी गोली चलाई जा सकती है. इस क़िले को कुंवारे किले की संज्ञा इसलिए दी जाती है, क्योंकि यह किला हमेशा से अविजीत रहा है. हरिशंकर गोयल ने बताया शहर से किले की ओर जाते समय यह इसमें प्रमुख 6 द्वार पड़ते हैं. जिनमें जय पोल, लक्ष्मण पोल, सूरज पोल, चांद पोल,अंधेरी द्वार और कृष्ण द्वार से बाला किला तक पहुंच जाता है.

1551 ईस्वी में हुआ किले का निर्माणइतिहासकार हरिशंकर गोल ने बताया कि स्त्री के बारे में बहुत सी बातें मिलती है. इस किले का निर्माण हसन खा मेवाती ने 1551 ईस्वी में कराया. दुश्मनों पर नजर रखने के लिए इस किले में 15 बड़े, 51 छोटे बुर्ज व 3359 कंगूरे हैं. बाला किला अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. यह किला अंदर से कई भागों में बांटा हुआ है. इस किले में आज भी उसे समय की गई सोने कारीगरी दीवारों पर निर्मित है.

आज भी मौजूद है सलीम महलअलवर शहर की अरावली की वादियों में बसे बाला किला में मुगल सम्राट बाबर ने एक रात बिताई थी. साथ ही जहांगीर अपनी निर्वासन अवधि के दौरान 3 साल तक इस किले में रहे थे. उस समय इसे सलीम महल के रूप में नामित किया गया था. आज भी जिस कमरे में जहांगीर ठहरे थे, उसे सलीम महल के नाम से जाना जाता है.

2 साल बाद पहुंच रहे पर्यटकरिनोवेशन कार्य के चलते बाला किला 2 साल तक पर्यटकों की पहुंच से दूर रहा. लेकिन अब रिनोवेशन कार्य के पूर्ण होने के बाद यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है. अच्छी संख्या में पर्यटक यहां पर पहुंचकर इतिहास के बारे में जानकारी ले रहे हैं. साथ ही यह आने वाले पर्यटकों को वेपन म्यूजियम भी देखने को मिल रहा है. हालांकि यह वेपन म्यूजियम अभी पर्यटकों के लिए शुरू नहीं हुआ है. लेकिन पर्यटक बाहर से ही इसकी जानकारी ले रहे हैं.

Tags: Alwar News, Local18, Rajasthan news in hindi

FIRST PUBLISHED : May 5, 2024, 14:14 IST

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