Rajasthan

मानसून का पता लगाने के लिए बनाया गया था उदयपुर का ये किला, लोगों को बांटा जाता था बारिश का पानी 

Sajjangarh Fort: इतिहास में देखेंगे तो हर किले, हर शहर की अपनी कहानी है. ऐसा ही एक किला है उदयपुर (Udaipur) में है, जो सिर्फ इस बात के लिए बनवाया गया कि उससे मानसून का पता लगाया जा सके. मानसून पता लगने के बाद बारिश का पानी इकट्ठा किया जा सके. पानी इकट्ठा हो जाए तो उसे लोगों में बांटा जा सके. किला ऊंचा इतना था कि दुश्मनों पर नजर रखने के काम भी आता था. ये कहानी एकदम सच है.

सज्जनगढ़ का किला इस किले का नाम है सज्जनगढ़. इसका दूसरा नाम है मानसून पैलेस (Monsoon Palace). 200 साल से ज्यादा पुराना है. किले को महाराणा सज्जन सिंह ने बनवाया था. सालों बाद भी इस किले की वास्तुकला और बनावट बहुत अलग और खास है.

इस किले क्यों कहते हैं मानसून पैलेस? मानसून की जानकारी लेने के लिए इस किले को बनवाया गया था. मानसून की शुरुआत होते ही यहां बादलों को बहुत करीब से देखने का मौका मिलता है. साथ ही पूरा किला ठंडा भी हो जाता है. इसी वजह से इस किले को मानसून पैलेस कहा जाता है. बरसात के दिनों में मानसून पैलेस की खूबसूरती देखने कई लोग पहुंचते हैं. इस किले में एक टेलीस्कोप भी लगाया गया था, जिससे महाराणा सज्जन सिंह बादलों, सितारों और आसपास के इलाकों को देखते थे.

क्यों बनवाया था सज्जनगढ़ का किला? इतिहासकार प्रो.चंद्रशेखर शर्मा बताते हैं, ‘उदयपुर फतेहसागर झील के पास सज्जनगढ़ का किला बना है. 1884 में महाराणा सज्जन सिंह के नाम पर इस किले का नाम रखा गया था. किला 944 मीटर ऊंचा है. हालांकि, महाराज इस किले को पूरा बनवाते उससे पहले ही उनकी मौत हो गई. फिर उदयपुर रियासत के शासक महाराणा फतेह सिंह ने इस अधूरे काम को पूरा किया. गर्मियों के दिनों में महाराणा फतेह सिंह अपने परिवार के साथ इसी पैलेस में रहा करते थे. महाराणा सज्जन सिंह चाहते थे कि वो 9 मंजिला किला बनवाएं. सुरक्षा की दृष्टी से भी यह महल काम आता था.’

वास्तुकला देखने आते हैं देश-विदेश के लोग यह किला अरावली पहाड़ियों पर बना है. किले के एक-एक हिस्से पर राजपूताना स्थापत्य शैली नजर आती है. सबसे पहले किले का मुख्य द्वार आता है, जिस पर बारीक नक्काशी और डिजाइन दिखते हैं. इसके बाद किला शुरू होता है. किले की छत पर सुंदर गुंबद और छतरियां बनी हैं. दीवारों पर जालीदार खिड़कियां और बालकनी नजर आती है. किले के अंदर कई कमरे और हॉल हैं, जिनमें सुंदर नक्काशी, पेंटिंग और सजावट का पुराना सामान आज भी मौजूद है. पूरे किले की बनावट ऐसी है कि एक-एक हिस्से में उजाला पहुंचता है.

ट्रैकिंग का भी उठा सकते हैं मजा सज्जनगढ़ का किला ऊंचाई पर बना है. किले तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग का भी मजा उठाया जा सकता है. वहीं जो लोग पैदल न चलना चाहें, वो सफारी ले सकते हैं. सफारी सीधा किले के मुख्य द्वार पर उतारती है. किले की टिकट 110 रुपये की है.

सनसेट व्यू के लिए फेमस उदयपुर में अगर आप सनसेट व्यू देखना चाहते हैं तो भी सज्जनगढ़ किले से देख सकते हैं. शाम के वक्त सूरज की किरणें पहाड़ियों और झीलों पर पड़ती हैं, जिससे व्यू बहुत शानदार आता है. फतेहसागर और पिचोला झील पर पड़ने वाली किरणें पानी को खूबसूरत बना देती हैं.

उदयपुर से है कितना दूर? यह किला उदयपुर शहर से 5 किलोमीटर दूर है. ट्रेन या बस से जयपुर पहुंचने के बाद आप आसपास से टैक्सी और रिक्शा कर सज्जनगढ़ का किला देखने जा सकते हैं. गर्मियों में यहां जाते वक्त कंफर्टेबल कपड़े पहनें. यह किला हफ्ते के 7 दिन खुलता है. आप 9 से 5 बजे के बीच यहां पहुंच सकते हैं.

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Tags: Local18, Premium Content, Udaipur news

FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 10:01 IST

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