Rajasthan

बंधे का बालाजी में बना खास महल, हनुमान जयंती पर अलग दिखा झुंझुनूं का यह हनुमान मंदिर

Last Updated:May 06, 2025, 21:36 IST

Bandhe ka balaji jhunjhunu: बंधे का बालाजी मंदिर का आध्यात्मिक महत्व है. यह अपनी चमत्कारी शक्तियों और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रसिद्ध है. यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि….X
झुंझुनूं
झुंझुनूं के बंधे के बालाजी में बन रहा है थर्माकोल का महल, हनुमान जयंती पर आयोजित

झुंझुनूं: हनुमान जन्मोत्सव पर शहर स्थित बंधे का बालाजी मंदिर में दो दिवसीय आयोजन चल रहा है. इस दौरान मंदिर एक विशाल भगवा महल जैसा नजर आया. इसे बनाने बंगाल से 40 कारीगर आए हैं. मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी नरेश गाडिया ने बताया कि करीब 4,148 स्क्वायर फीट में तीन भगवा महल बनाए जाएंगे. इनमें 3,500 स्क्वायर फीट में हनुमानजी का और 324-324 स्क्वायर फीट में शिवालय और बाबा निर्भयदास के महल होंगे.

भगवा महल को डिजाइन कर रहे कोलकाता के डिजाइनर राजू पतरा ने बताया कि विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ ही बजरंग बली के विभिन्न स्वरूप भी थर्माकोल शीट से ही तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए अलग अलग साइज की करीब 7 हजार थर्माकोल शीट मंगाई गई हैं. बंगाल के 40 कारीगर पिछले 18 दिन से दिन रात काम कर रहे हैं. डिजाइन तैयार करने के बाद इन पर भगवा रंग किया जाएगा. यह महल इस बार का प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रहेगा.

आप को बता दें कि झुंझुनूं के बंधे का बालाजी मंदिर चूरू रोड पर स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और इसे “बंधे का बालाजी” के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर का नाम इसके स्थान से जुड़ा है, क्योंकि यह एक पुराने पानी के बांध (बंध) के पास स्थित है, जिस कारण इसे “बंधे का बालाजी” कहा गया है. यह मंदिर स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है.

मंदिर का महत्व और विशेषताएंबंधे का बालाजी मंदिर का आध्यात्मिक महत्व है. यह अपनी चमत्कारी शक्तियों और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रसिद्ध है. यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि सच्चे मन से प्रार्थना करने से उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.

हनुमान जयंती और मेलाहनुमान जयंती के अवसर पर यहां एक विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें झुंझुनूं के अलावा अन्य राज्यों और यहां तक कि विदेशों से भी श्रद्धालु शामिल होते हैं. इस मेले में भक्ति, उत्साह और सामाजिक समागम का अनोखा संगम देखने को मिलता है.

प्रतिमा की खासियतमंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा को विशेष रूप से सिंदूर से तैयार किया जाता है. पहले यह प्रतिमा 1 किलो सिंदूर से बनाई जाती थी जो इस मंदिर की एक अनूठी परंपरा रही है. इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह कई दशकों से यहां मौजूद है और इसका इतिहास स्थानीय लोगों की आस्था और गहराई से जुड़ा है. मंदिर की देखरेख और सेवा में लगे लोग जैसे कि श्री मोहन तुलसियान पिछले 20-25 वर्षों से यहां सेवा कर रहे हैं. यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां विभिन्न स्थानों से आए भक्तों का मेलजोल होता है.

Location :

Jhunjhunu,Rajasthan

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बंधे का बालाजी में बना महल, हनुमान जयंती पर ऐसा दिखा झुंझुनूं का हनुमान मंदिर

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