Unemployed Youth And Police Administration Face To Face – आमने सामने हुए बेरोजगार युवा और पुलिस प्रशासन

बेरोजगार युवाओं का शक्ति प्रदर्शन
विधानसभा में उच्च शिक्षामंत्री से वार्ता के बाद शक्ति प्रदर्शन स्थगित

जयपुर।
कॉलेज और विवि की कोविड काल की फीस माफ करवाने, बेरोजगारी भत्ता दिए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को छात्र नेता रवींद्र भाटी के नेतृत्व में आयोजित किया गया शक्ति प्रदर्शन उच्च शिक्षामंत्री भवंर सिंह भाटी से मिले आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया। हालांकि भाटी ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो छात्र फिर से उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
इससे पूर्व मारवाड़ से करीब आधा दर्जन मांगों को ेलकर प्रदेश भर से जुटे बेरोजगार शहीद स्मारक पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। युवाओं की भीड़ से पूरा शहीद स्मारक भर गया। शहीद स्मारक पर प्रशासन द्वारा तीन बार रविंद्र सिंह भाटी को वार्ता के लिए ले जाने का प्रयास किया गया लेकिन युवाओं द्वारा हर बार रास्ता रोक दिए जाने के चलते रविंद्र सिंह भाटी को वार्ता के लिए नहीं ले जाया जा सका। करीब 2 घंटे तक शहीद स्मारक पर प्रदर्शन करने के बाद भी वार्ता नहीं होने के चलते आखिरकार बेरोजगारों ने विधानसभा कूच का फैसला लिया। करीब 1 बजे बड़ी संख्या में बेरोजगारों ने विधानसभा की ओर कूच किया। धरने प्रदर्शन और कूच की अनुमति नहीं होने के बाद भी बड़ी संख्या में बेरोजगारों और युवाओं द्वारा कूच करने के चलते प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने २२ गोदाम सर्किल पर बैरिकेडिंग लगा दी। तकरीबन आधा घंटे तक यहां भी विरोध प्रदर्शन चला। इस दौरान युवाओं ने बैरिकेडिंग को पार करने की कोशिश की, लेकिन भारी पुलिस जाब्ते ने उनको बेरिकेटिंग के अंदर ही रोक दिया गया। जिसके चलते युवा 22 गोदाम सर्किल पर ही धरने पर बैठ गए। तकरीबन करीब आधे घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद रविंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में 11 सदस्य प्रतिनिधि मंडल विधानसभा वार्ता के लिए ले जाया गया लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी प्रतिनिधि मंडल की वार्ता नहीं हो सकी। एेसे में प्रतिनिधिमंडल वापस आ गया। कुछ देर बाद प्रतिनिधि मंडल फिर से विधानसभा पहुंचा लेकिन पास नहीं बनने के लिए उन्हें एक बार फिर इंतजार करना पड़ा जिस पर युवा आक्रोशित हो गए और उन्होंने फिर से उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी। एेसे में पुलिस प्रशासन ने समझाइश कर उन्हें रोका और विधानसभा में उच्च शिक्षामंत्री भंवर सिंह भाटी से मुलाकात करवाई।
रवींद्र भाटी का कहना है कि हालांकि उच्च शिक्षामंत्री ने उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है लेकिन यदि आगामी सात दिन में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो छात्र फिर से सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।