This is how the effect of Bharat Bandh was seen in Pali, know what was the reason for Bharat Bandh

हेमंत लालवानी/पाली. सर्वोच्च न्यायालय की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति वर्गों के आरक्षण के लिए दिए गए निर्णय को लेकर आज बुधवार 21 अगस्त को भारत बंद का संयुक्त संघर्ष समिति के द्वारा ऐलान किया गया है. इसका असर पाली जिले में भी देखने को मिल रहा है. पाली जिले भर में बंद शांति पूर्ण रहा. जिससे पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली. दोपहर दो बजे बाद शहर का मार्केट भी खुलना शुरू हो गया. शहर का बाजार सुबह के समय बंद नजर आया. मोहल्लों में भी शॉप बंद दिखी. वहीं, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्गों से जुड़े लोग टोलियां बनाकर मोहल्लों में घूमते नजर आए. उन्हें जहां भी दुकानें खुली नजर आई उन्हें बंद करने का निवेदन किया. शांतिपूर्ण तरीके से सभी ने दुकानों को बंद करवाने का काम किया.
बंद के दौरान किसी तरह की घटना न हो, बंद शांतिपूर्ण हो. इसको लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट नजर आया. शहर के अम्बेडकर सर्किल, सूरजपोल, सोमनाथ मंदिर, नहर पुलिया सहित जगह जगह पुलिस के जवान तैनात नजर आए. बंद को लेकर अतिरिक्त पुलिस जाप्ता पाली शहर और जिले भर में तैनात किया गया. ताकि किसी भी तरह से कानून एवं शांति व्यवस्था नही बिगड़े.
राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापनयहां बाबूलाल आर्य, भभूताराम, जोगाराम सोलंकी, मोनू मेगवाल, पार्षद प्रकाश चौहान, विजयराज परिहार भीम आर्मी, अशोक कुमार कुलदीप आदि वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी सूरत में आरक्षण में वर्गीकरण को मंजूर नहीं किया जाएगा. केंद्र सरकार इसमें उनका साथ दे. उसके बाद संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने ज़िला कलेक्टर को अपनी मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा. पूरे बंद के दौरान भारी पुलिस जाप्ता तैनात रहा.
ऐसे जताया गया विरोधपाली की बात करें तो यहां भी बुधवार सुबह से ही मुख्य बाजार बंद हैं. कई संगठनों ने पाली में अंबेडकर सर्किल से रैली निकाली और फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अन्य कब्सों में भी कई जगह रैलियां और बैठके हुईं. बता दें कि पाली में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्गों के आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय के निर्णय के विरोध में बुधवार भारत बंद का आह्वान किया था. देशव्यापी बंद को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस सतर्क है. बंद के दौरान आवश्यक सेवाओं को को मुक्त रखा गया है.
जानिए भारत बंद का प्रमुख कारणभारत बंद की प्रमुख वजह की बात करें, तो हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी में क्रीमिलेयर वर्ग को आरक्षण देने का फैसला किया गया है. कोर्ट की ओर से कहा गया है कि जिन लोगों को इस श्रेणी में आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए. इस पर विपक्षी पार्टियों ने इसे इंदिरा साहनी मामले में नौ सदस्यी पीठ द्वारा आरक्षण पर दिए गए निर्णय के खिलाफ बताया गया है, जिससे आरक्षण का नींव पड़ी थी.
इनके द्वारा जताया जा रहा विरोधविपक्षी पार्टियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा. क्योंकि, यह पहले से लागू आरक्षण में विशेष आरक्षण है. ऐसे में आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति की ओर से देशभर में भारत बंद का आह्वान किया गया है. साथ ही, यह मुद्दा अब राजनीतिक दिशा में बढ़ गया है, जिसके तहत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा इसका विरोध जताया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 15:43 IST