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ये है आपके ब्रेन का सबसे बड़ा दुश्‍मन, पलक झपकते ही फाड़ देता है नसें, रोजाना आ रहे दर्जनों मरीज

हाइलाइट्स

हाई बीपी की वजह से ब्रेन स्‍ट्रोक या ब्रेन हैमरेज हो रहा है. आरएमएल अस्‍पताल में रोजाना 10 मरीज ब्रेन स्‍ट्रोक के आ रहे हैं.

अक्‍सर किसी को गुस्‍सा ज्‍यादा आने पर आपने कहते सुना होगा कि बीपी हाई हो गया और ऐसा कहकर लोग छोड़ देते हैं. लोगों को लगता है कि एक बार ब्‍लड प्रेशर बढ़ा है तो फिर नीचे आ जाएगा और सब ठीक हो जाएगा लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मानें तो हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या अगर एक बार शुरू हो गई है तो इसे सामान्‍य मानकर छोड़ना सबसे बड़ी गलती है. हाई बीपी आपके दिमाग और आपकी जान का सबसे बड़ा दुश्‍मन बन गया है. यही वजह है कि दिल्‍ली के आरएमएल अस्‍पताल में रोजाना ऐसे मरीजों की संख्‍या भी बढ़ रही है.

दिल्‍ली के राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल में न्‍यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अजय चौधरी बताते हैं कि ब्‍लड प्रेशर सबसे ज्‍यादा संवेदनशील मामला है क्‍योंकि अगर बीपी ज्‍यादा बढ़ता है तो उसका सीधा असर ब्रेन पर होता है. बीपी बढ़ने से ब्रेन की नस फटती है और हेमरेज या स्‍ट्रोक हो जाता है. हैमरेजिक स्‍ट्रोक के 70 से 80 फीसदी मामलों में ब्‍लड प्रेशर ही वजह है. भारतीय मरीजों में खासतौर पर देखा जाता है कि अगर किसी मरीज को ब्‍लड प्रेशर बढ़ने पर बीपी कंट्रोल करने के लिए दवा दी जाती है तो आराम पड़ते ही लोग इसकी दवा को लेना छोड़ देते हैं. इसके बाद जैसे ही बीपी अचानक ट्रिगर होता है तो फिर ब्रेन हेमरेज या ब्रेन स्‍ट्रोक की परेशानी हो जाती है.

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अस्‍पताल में रोजाना आ रहे स्‍ट्रोक के मरीज डॉ. चौधरी बताते हैं कि आरएमएल में रोजाना ब्रेन स्‍ट्रोक के मरीज आ रहे हैं. इस मौसम में करीब 10-11 मरीज रोजाना आ जाते हैं, जबकि सर्दियों के मौसम में यह संख्‍या बढ़ जाती है. इन ज्‍यादातर केसेज की हिस्‍ट्री से पता चलता है कि इन्‍हें बीपी की परेशानी हुई थी, दवा भी प्रिस्‍क्राइब हुई थी लेकिन किसी वजह से वह रेगुलर नहीं हो पाई और बीच में छोड़ दी. यह तो केवल एक अस्‍पताल का डाटा है, अगर आप दिल्‍ली और भारत के बाकी अस्‍पतालों के आंकड़े निकालेंगे तो देखेंगे कि यह बहुत बड़ी संख्‍या है.

डॉक्‍टर्स डे पर दी थी सलाह डॉ. अजय चौधरी ने बताया, डॉक्‍टर्स डे पर मैंने एक सलाह भी दी थी कि जितने भी मल्‍टीप्‍लेक्‍स, मॉल या अन्‍य जगहों पर जैसे सिक्‍योरिटी चेक लगाते हैं, ऐसे ही बीपी चेक लगा दीजिए. वहां लोगों का बीपी चेक कीजिए और जिनका बीपी बढ़ा हुआ है, उन्‍हें अनुमति मत दीजिए. उनसे कहा जाए कि जब बीपी कंट्रोल में हो तो आएं. ऐसा करके लोगों को बीपी कंट्रोल करने के लिए प्रेरित या कहें कि मजबूर कर सकते हैं.

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Tags: Blood Pressure Machine, Delhi Hospital, Delhi news, Heart attack

FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 18:16 IST

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