This is the first place of Bijasan Mata of Indergarh, where even the direction of wind changes. – हिंदी

करौली-बूंदी. राजस्थान की चमत्कारी देवियों में से एक इंदरगढ़ वाली बिजासन माता का नाम तो आपने सुना ही होगा. जिनके दर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 700 से ज्यादा सीढ़ियों से गुजरना पड़ता है. तब जाकर माता के दर्शन हो पाते हैं. राजस्थान के बूंदी जिले के इंदरगढ़ कस्बे में ये माता – रानी अरावली पर्वतमालाओं की सबसे ऊंची चोटी के नीचे और विशाल चट्टानों के बीचों-बीच विराजमान हैं. कहते हैं सैकड़ो साल पहले अपने भक्त की पुकार पर माता चट्टान चीरकर प्रकट हुई थीं.
माता जहां प्रकट हुई थीं वहां पहाड़ियों के बीचों-बीच धरती से हजारों फुट की ऊंचाई पर मंदिर बना हुआ है. यहां रोजाना हजारों भक्त 700 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़कर दर्शन के लिए जयकारे लगाते हुए पहुंचते हैं. लेकिन क्या आपको पता है इंदरगढ़ वाली माताजी का प्रथम स्थान कौनसा है, जहाँ से मातारानी चट्टान चीरकर नीचे की पहाड़ियों में प्रकट हुई थीं. लोकल 18 आज आपको माता रानी के उसी प्रथम स्थान के बारे में बारे में बताने जा रहा है. जहां पहुंचना एक बार तो हर व्यक्ति के लिए असंभव और जोखिम भरा है.बदल जाता है हवा का रुखइंदरगढ़ वाली देवी का प्रथम स्थान वर्तमान मंदिर के ठीक ऊपर सबसे ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है. भक्तों की आस्था इतनी अटूट है कि 700 से ज्यादा सीढ़ी चढ़ने के बाद एक विशाल पहाड़ी लांघकर माता के प्रथम स्थान पर पहुंचते है. भक्तों को यह विशाल पहाड़ हाथ और पैर दोनों के जरिए बड़ी सावधानी चढ़ना पड़ता है. माता के प्रथम स्थान पर एक छोटी सी छतरी बनी हुई है. पहले इसी में माता विराजमान थीं. धरातल से हजारों फुट की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण इस स्थान पर हवा का भी रुख बदल जाता है और बादल तो मानों माता के चरणों में झुके हुए प्रतीत होते हैं.
नाचती हुई दिखाई देती थीं मातास्थानीय बड़े बुजुर्ग विजय लाल ने बताया इंदरगढ़ वाली बिजासन माता का प्रथम स्थान यही है. कस्बे के इस सबसे ऊंचे स्थान पर पहले माता रानी लोगों को नाच – कूद करती हुई दिखाई देती थीं. उस जमाने में जिन लोगों की आस्था मां के प्रति गहरी थी. उन लोगों ने मां को देखा भी था. उन्होंने बताया एक भक्त की पुकार पर माता रानी यहां एक सुरंग को फाड़कर नीचे पहुंचकर प्रकट हुई थीं. इस स्थान पर अभी भी प्रथम रूप में तो माता ही विराजमान हैं और उनके साथ भैरों बाबा हैं.
यहीं था प्राचीन मंदिरश्रद्धालु राहुल गर्ग ने बताया विशाल पहाड़ी चढ़ने के पीछे एक बहुत पुरानी कथा है. जो हमने बड़े बुजुर्गों से सुनी है. लोग बताते हैं पहले माता जी का प्राचीन मंदिर यहीं पर था. लेकिन मां एक भक्त की पुकार पर पत्थर चीरकर नीचे प्रकट हुई थीं. इसीलिए प्रथम स्थान मानते हुए अधिकांश भक्त यहां भी दर्शन के लिए आते हैं.
.
FIRST PUBLISHED : May 1, 2024, 19:52 IST