यहां भगवान गणेश की दोनों पत्नी रिद्धि-सिद्धि की होती है पूजा, सैकड़ों साल पुराना है मंदिर

राहुल मनोहर, सीकर. शुभ कार्यों के प्रथम पूज्य देवता गणेश जी भगवान है. कोई भी शुभ कार्य होता है तो सबसे पहले गणेश जी को भोग लगाकर वह शुभ कार्य किया जाता है. राजस्थान में अनेकों जगह गणेश जी भगवान के मंदिर मौजूद है. ऐसा ही एक मंदिर सीकर जिले में मौजूद है. इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के साथ में उनकी दोनों पत्नी रिद्धि-सिद्धि भी विराजमान है.
सीकर जिले के दांतारामगढ़ क्षेत्र के दांता कस्बे के बगीची वाली तलाई में यह अनोखा मंदिर मौजूद है. यह मंदिर इसलिए अनोखा है क्योंकि यहां भगवान गणेश की दोनों पत्नियों रिद्धि-सिद्धि की पूजा की जाती है. पुजारी यहां रोज भगवान गणेश के साथ में उनकी दोनों पत्नियों की पूजा भी करते हैं और उनका पाठ गायन भी किया जाता है. यहां विशेष तौर पर रिद्धि-सिद्धि पाठ भी पढ़े जाते हैं.
विशेष अवसर पर यहां कस्बे वासियों द्वारा रिद्धि सिद्धि व गणेश रात्रि जागरण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. भगवान गणेश की दोनों पत्नियों रिद्धि सिद्धि की यहां पर शोभा यात्रा भी निकल जाती है. भगवान गणेश के साथ में उनकी दोनों पत्नियों को यहां पर 108 लड्डुओं का भोग व महाआरती गणेश उत्सव के दौरान की जाती है.
मंदिर पुजारी गणेशा राम का कहना है कि यह मंदिर सैकड़ो साल पुराना है. क्षेत्र सहित दूर-दूर से लोग इस मंदिर में गणेश जी को मानने से पहले उनकी पत्नियों रिद्धि सिद्धि को भोग लगाने के लिए आते हैं. माना जाता है कि रिद्धि सिद्धि के मंदिर में भोग लगाने के बाद गणेश जी मनोकामना जरुर पूरी करते हैं.
इस मंदिर में रिद्धि सिद्धि व भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना के समय 51 कुंडली हवन हुआ था. कहा जाता है कि यह उसे समय का सबसे बड़ा हवन था.
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FIRST PUBLISHED : October 5, 2023, 20:32 IST