नहर खुदवाकर कंगाल हुआ ये महाराजा, बेचना पड़ा राजमहल, शानो-शौकत में आज भी बेजोड़ है ये हवेली

बीकानेर: हजार हवेलियों का शहर है बीकानेर. शहर सालों पुरानी वास्तुकला से बना है. हर गली में खूबसूरत हवेलियों की कतार लगी है. एक हवेली तो न्यूयॉर्क के होटल को टक्कर देती है. इसका नाम है रामपुरिया हवेली (Rampuria Haveli). बनावट के साथ हवेली की कहानी भी खास है. महाराजा के पास पैसे कम पड़ गए थे. उन्होंने कारोबारी से उधार मांगा. पैसे तो मिल गए लेकिन हवेली गवानी पड़ी.
रामपुरिया हवेली की कहानी बात 1920 की है. बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह (Maharaja Ganga Singh) नहर बनवा रहे थे. चाहते थे रियासत को खेती के लिए पानी मिले. लेकिन नहर बनवाने में पैसा इतना खर्च हुआ कि कम पड़ गया. महाराजा ने भंवर लाल रामपुरिया नाम कारोबारी से उधार लिया. पैसों के बदले कारोबारी के हिस्से में हवेली आई. 1925 में हवेली बनकर तैयार हुई. रामपुरिया अपने पूरे परिवार के साथ यहां रहने लगे और हवेली का नाम रामपुरिया हवेली हो गया.
न्यूयॉर्क के रेस्टोरेंट को टक्कर न्यूयॉर्क सिटी में डेल्मोनिको नाम का रेस्टोरेंट हुआ करता था. हवेली बिल्कुल इसी की तरह दिखती है. रेस्टोरेंट अब बंद हो गया है, लेकिन हवेली की कहानी विदेश तक फैल चुकी है. रेस्टोरेंट के मुकाबले भी यह हवेली बहुत बड़ी और सुंदर है. इसे टाइटेनिक हवेली भी कहते हैं क्योंकि हवेली का एक हिस्सा टाइटेनिक नुमा बना है.
भारतीय और ब्रिटिश वास्तुकला यह हवेली लाल बलुआ पत्थर से बनी है. दीवारों पर ब्रिटिश और भारतीय कलाएं नजर आती हैं. हवेली के दरवाजों-खिड़की पर रंगीन कांच लगे हैं. सुंदर प्रतिमाएं दिखती हैं. हवेली के मुख्य दरवाजे पर देवी-देवता तो बाहरी दीवारों पर फिरंगियों की फोटो लगी हैं. इनमें से एक किंग जार्ज भी हैं.
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रंग बदलती दीवारें रामपुरिया हवेली की दीवारें रंग बदलती हैं. वास्तुकला को कुछ ऐसा रखा गया है कि धूप की किरणों से साथ दीवारों का रंग बदलने लगता हैं. दरवाजे और खिड़की पर लगे कांच भी चमक उठते हैं. इस हवेली की ईंटे भी अलग हैं. तेज धूप में रंग चटक हो जाता है. धूप हल्की होती है तो रंग और खूबसूरत हो उठता है.
कैसे पहुंचे बीकानेर आप बस, ट्रेन और एरोप्लेन से पहुंच सकते हैं. दिल्ली और अलग राज्यों से भी बीकानेर की सीधी ट्रेन चलती है. बीकानेर से हवेली बहुत पास है. आसपास आपको टैक्सी जैसी कई सुविधाएं भी मिल जाएंगी.
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FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 10:00 IST