Rajasthan

बाड़मेर में एक बार फिर परिंदों की प्यास बुझाएगा पूर्वजों का ये तरीका,आप भी कर सहते हैं सहयोग

मनमोहन सेजू/बाड़मेरः गर्मियोंमें जैसे-जैसे पारा चढ़ता है, पक्षियों के लिए दाना-पानी ढूंढ पाना भी उतना ही मुश्किल होता है. ऐसे में कई बेजुबान पक्षी दाना-पानी नहीं मिलने की वजह से अपनी जिंदगी भी नहीं बचा पाते. साथ ही शहरीकरण बढ़ने से पक्षियों की जीवनचर्या और मुश्किल हो गई है. उनके लिए बेहतर जरुरी खाद्य सामग्री एवं पानी को ढूंढ पाने में कठिनाई से जीवन संकट में पड़ जाता है. तेजी से बढ़े रहे पारे ने हर किसी को हैरान परेशान कर रखा है. तापमान किसी के लिए सबसे ज्यादा घातक है तो वह है बेजुबान परिंदे. कई बेजुबान पक्षी इस भीषण गर्मी में प्यास से छटपटाते हुए दम तोड़ देते हैं.

देश में सबसे ज्यादा तापमान का रिकॉर्ड बना चुके भारत पाकिस्तान के सरहदी बाड़मेर में अब स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग आगे आए है. बाड़मेर के जिला अस्पताल के परिसर से पेड़ों पर पक्षियों के लिए परिंडे लगाने का अभियान शुरू हुआ है. इस अभियान में नर्सिंग मेडिकल ऑफिसर के साथ साथ नर्सिंग स्टूडेंट्स ने भी बढ़चढ़कर भाग लिया है. गर्मी के इस मौसम में पानी पक्षियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है. जिसका यह अभियान अस्पताल परिसर में हल निकालता नजर आया है. नर्सिग मेडिकल ऑफिसर संतोष सहारण के मुताबिक नर्सिंग डे के उपलक्ष्य में बाड़मेर जिला अस्पताल परिसर में दर्जनों परिंडे लगवाकर इसकी देखभाल की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

अस्पताल परिसर में परिंडे लगाए गएनर्सिग मेडिकल ऑफिसर संतोष सहारण ने बताया कि भीषण गर्मी के मौसम में न केवल पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करना बल्कि, इसकी देखभाल करना भी कर्तव्य है. ऐसे में नर्सिग के जनक फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्मदिन के अवसर पर अस्पताल परिसर में परिंडे लगाए गए हैं. राजस्थानमें 123 प्रजातियों के करीब 75000 परिंदे पाए जाते हैं. सबसे ज्यादा पक्षियों की संख्या सरदार समंद क्षेत्र में पाई जाती है. पाली जिले के जवाई डेम क्षेत्र में सबसे अधिक पक्षियों की 69 प्रजातियां पाई जाती है. इनकी देखभाल की भी जिम्मेदारी हमारी होनी चाहिए. इसी को लेकर यह अनोखा अभियान चलाया गया.

FIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 10:31 IST

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