उदयपुर के इस शख्स किया ऐसा काम, नितिन गडकरी भी हो गए फैन, दिया ‘सर्वश्रेष्ठ लखपति किसान’ का अवॉर्ड

उदयपुर. लाखों का पैकेज छोड़ जैविक खेती में पहचान बनाने वाले उदयपुर शहर के महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर कॉलेज के डॉक्टर श्रवण कुमार यादव की अब हर कोई तारीफ कर रहा है. श्रवण कुमार ने जैविक खेती में महारत हासिल की है. उनके कार्य को देखेते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें भारत के ‘सर्वश्रेष्ठ लखपति किसान’ का अवॉर्ड दिया है.
देश भर के किसानों को देते हैं निःशुल्क ट्रेनिंगउदयपुर जिले के किशनगढ़ रेनवाल तहसील के सुंदरपुरा गांव के श्रवण कुमार यादव ने खेती में रासायनिक खाद के अंधाधुन प्रयोग से बेहद परेशान थे. मानव स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव को देखकर उन्होंने जैविक खेती की राह चुनी. इसके बाद देशभर के किसान भाइयों को जहरयुक्त खेती से मुक्ति के लिए अपने फार्म पर निःशुल्क ट्रेनिग देना शुरू कर दिया. ये सिलसिला श्रवण कुमार ने कोरोना लॉकडाउन में शुरू किया.
डॉ श्रवण कुमार यादव ने जैविक खेती में ही एमएससी और पीएचडी किया है. उन्होंने अब तक देशभर के 1 लाख किसान भाइयों को वर्मीकम्पोस्ट (केंचुए की खाद) और गौ आधारित जैविक खेती की ट्रेनिंग दी है.
देश भर से आते हैं अन्नदाता किसान भाईपिछले पांच सालों से श्रवण किसानों को वर्गीकम्पोस्ट यूनिट और जैविक खेती की निःशुल्क ट्रेनिंग दे रहे है. अब तक मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, कश्मीर, उत्तराखंड, बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, गोवा, केरल और नेपाल से आकर किसानों ने ट्रेनिंग ली है.
पिता के कैंसर से बदला रुखश्रवण यादव के पिता को 2016 में कैंसर हो गया था. उनके पिता ने कभी भी बीड़ी-सिगरेट नहीं पी थी, इसके बावजूद कैंसर हो गया. इस बात से श्रवण बेहद टूट गए. कृषि छात्र होने के कारण श्रवण को अहसास हुआ कि ये सब खेती में उपयोग किए जाने वाले रसायनों की वजह से हुआ. इसके बाद ही श्रवण ने स्वयं जैविक खेती करना और अन्य किसान भाइयों से करवाना अपना लक्ष्य बनाया.
श्रवण का दावा है कि उन्होंने अपने पिता को देशी गाय का गोमूत्र पिलाया जिससे कैंसर आज पूरी तरह ठीक हो गया है. इसलिए उन्होंने गौ आधारित जैविक खेती को पूरे देश में फैलाने को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया.
17 से हुई 2800 वर्मीकम्पोस्ट बैडश्रवण यादव ने बताया कि जब पिता को कैंसर हुआ तो उनको शुद्ध जैविक सब्जियां खिलने के लिए जैविक खेती की शुरुआत की. इसके बाद 17 बैड वर्मीकम्पोस्ट लगाएं, जिनकी संख्या आज 2800 हो गयी है. जब गोबर से वर्मीकम्पोस्ट बनाना शुरू किया तब लोगों ने मजाक बनाया और पागल कहने लग गए. आज जब मेहनत सफल हुई तब वही लोग अब श्रवण को डॉ ऑर्गेनिक कहकर बुलाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 11:35 IST
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