क्या कहता है विज्ञान: ठंड में बारिश होती है तो मौसम पर क्या होता है असर?

हाइलाइट्स
भारत में ठंड का मौसम में कभी कभी बारिश होती हैइस बारिश के कारण ठंडक बढ़ जाती हैइससे प्रदूषित हवा भी साफ होने में मदद मिलती है
Winter rainfall in India: दिल्ली एनसीआर सहित भारत के कई हिस्सों में बारिश का असर है. ठंड में बारिश होने का अलग ही मतलब होता है. कोहरा बढ़ने की संभावना होती है. कुछ लोग मानते हैं कि इससे ठंड कम होती है तो कुछ लोग यह भी कहते पाए जाते हैं कि अब ठंड के तेवर बढ़ जाएंगे. आमतौर पर गर्मी में बारिश पहले गर्म महौल मे हलकी ठंडक देकर राहत और फिर उमस बढ़ाने की वजह भी बनती है. पर आखिर ठंड की बारिश का मौसम पर क्या असर होता है?
भारत में सर्दियों में क्यों होती है बारिश?भारत में सर्दी के मौसम में अनियमित और कभी कभी ही बारिश होती है. इस बारिश का मानसून से कोई लेना देना नहीं है. भारत के मौसम पर सर्दियों में उत्तर पश्चिम से आने वाली हवाओं का खासा असर होता है जिन्हें वेस्टर्न डिस्टर्बेंस या पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं. ये हवाएं पश्चिम में भूमध्य सागर से आती हैं. इन हवाओं की वजह से वायुमंडल में ऐसा दबाव बनता है जिससे बारिश के हालात बनते हैं.
तापमान पर असरभारत में हिमालय के इलाकों में गिरने वाली बर्फ की वजह से पैदा हुई ठंडक का असर मौदानी इलाकों में होता है. वैसे तो ठंड के समय में मौसम सूखा रहता है, पर सर्दी में बारिश भी ठंड के मौसम पर असर मिलता है. यह सच है कि बारिश से स्थानीय मौसम का तापमान कम होता है. बारिश से उत्तर और मध्य भारत में तापमान में गिरावट आती है, से हवा में नमी बढ़ती है. इन दोनों का मिला जुला असर बढ़ी हुई ठंड होती है.
भारत में सर्दी की बारिश ठंड को और बढ़ाने का काम करती है. (तस्वीर: Instagram)
तो क्या ठंड कम नहीं होती है?यह काफी कुछ इस पर निर्भर करता है कि पहले से ठंड कितनी पड़ रही है. जैसे बर्फीले इलाकों में अगर बारिश हो जाए तो बेशक ठंड कम हो जाएगी. वहीं ज्यादा ठंड वाले इलाकों में बारिश का पानी तुलनात्मक तौर पर कम ठंडा हुआ तो वह तापमान बढ़ाने में मददगार हो सकता है. ऐसा उत्तर भारत में अधिक होता है, लेकिन कम ही होता है. अत्यधिक सर्दी में हल्की बारिश तापमान को बेहद कम होने से रोक सकती है.
कोहरा बढ़ता भी है और कम भी हो सकता हैबारिश का एक सबसे बड़ा असर कोहरा बढ़ना होता है. उत्तर भारत के मौदानी इलाकों में बारिश होने से हवा में नमी बहुत बढ़ जाती है ऐसे में ठंड अगर कम ना हो तो कोहरा बहुत अधिक बढ़ सकता है. दूसरी तरफ जिन इलाकों में पहले से कोहरा छाया है वहां बारिश कोहरा कम करने के कारण ङू बन जाती है.
दिल्ली एनसीआर जैसे इलाकों में सर्दी में बारिश प्रदूषण कम करने में मदद करती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
साफ होती है प्रदूषित हवाइसके अलावा बारिश का एक फायदा दिल्ली एनसीआर जैसे इलाकों में प्रदूषण को कम करने में मददगार होकर हवा की गुणवत्ता बेहतर करने वाला होता है. दिल्ली एनसीआर में सर्दी में बारिश हवा से प्रदूषकों को धोकर बाहर निकाल देती है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है. खासकर दिल्ली जैसे शहरों में, जहां सर्दी के मौसम में धुंआ और प्रदूषण बढ़ जाता है, बारिश से प्रदूषण कम हो सकता है.
शीत लहर पर असरउत्तर भारत में सर्दियों में बारिश शीत लहर का कारण तो नहीं बनती लेकिन जब हिमालय पर बर्फ गिरती है गिरती है तो शीत लहर जरूर चलती है. ऐसे में अगर बारिश हो जाए तो जरूर शीत लहर पर कुछ हद तक असर हो सकता है, लेकिन उससे शीतलहर खत्म नहीं होती है.
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इसमें कोई संदेह नहीं सर्दियों के मौमस में बारिश ठंडक को बढ़ाने का काम करती है. लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि इससे ठंडक कम होती है. पर हां, इस बारिश से हवा में नमी और ठंडक जरूर बढ़ जाती है. वहीं प्रदूषित हवा कम होने का सुख भी मिल जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 13:33 IST