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IIT JEE में टॉपर रहे ये शख्स, फिजिक्स ओलंपियाड में गोल्ड मेडलिस्ट,  IIT दिल्ली, बॉम्बे से ग्रेजुएट, अब ऐसी है लाइफ

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) से पढ़ाई करने की चाहत रखने वालों को जेईई की परीक्षा को पास करना होता है. संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) को विश्व स्तर पर सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इसकी कठिन प्रोसेस उद्देश्य भारत के प्रमुख संस्थानों के लिए सबसे प्रतिभाशाली छात्रों का सेलेक्शन करना होता है. यह हर साल बड़ी संख्या में महत्वाकांक्षी छात्रों को आकर्षित करता है.

वर्ष 2009 में जेईई की परीक्षा में टॉप 10 रैंक पाने वालों में से चार में सिर्फ़ प्रतियोगी परीक्षा पास करने से अधिक समानता थी. वे सभी उस साल के अंतरराष्ट्रीय फिजिक्स ओलंपियाड में गोल्ड मेडलिस्ट भी थे. हाल ही में भारतीय मूल के टेक इन्फ़्लुएंसर देबरघ्य (डीडी) दास ने X पर एक पोस्ट में अपने वर्तमान ठिकाने के बारे में शेयर किया है. लगभग पंद्रह साल बाद अब ये लोग क्या कर रहे हैं, इसके बारे में नीचे विस्तार से जान सकते हैं.

नितिन जैन (Nitin Jain): वर्ष 2009 में जेईई की परीक्षा में नितिन जैन ने टॉप किया था. IIT दिल्ली से अपनी डिग्री पूरी करने के बाद नितिन ने मेटा (पूर्व में Facebook) में इंटर्नशिप की और अमेरिका में Twitter के साथ कुछ समय तक काम किया. अब वे Google में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करते हैं. विदेश में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त करने के बाद वे Google के साथ अपना करियर जारी रखने के लिए भारत वापस आ गए.

शुभम तुलसियानी (Shubham Tulsiani): जेईई 2009 की परीक्षा में शुभम दूसरे स्थान पर रहे. अब वह कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी (CMU) के रोबोटिक्स इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. CMU में शामिल होने से पहले उन्होंने Facebook AI रिसर्च में एक रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में काम किया, जहां उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रगति में योगदान दिया है.

शिवकांत गोपी (Sivakanth Gopi): जेईई 2009 में तीसरी रैंक हासिल करने वाले शिवकांत IIT बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं और उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. वे तीन साल से अधिक समय से Microsoft के साथ हैं और वर्तमान में एक प्रमुख रिसर्च स्कॉलर के रूप में कार्यरत हैं. उनका यह सफर दुनिया की अग्रणी तकनीकी फर्मों में से एक में एक मजबूत शैक्षणिक प्रोफेशनल को दर्शाती है.

प्रियांक पारिख (Priyank Parikh): वर्ष 2009 में आयोजित जेईई की परीक्षा में छठे रैंक लाने वाले प्रियांक IIT बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने Google में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू किया. आज वे Google-पैरेंट अल्फाबेट की सेल्फ-ड्राइविंग कार इकाई Waymo से जुड़े हैं. यह अत्याधुनिक तकनीक और नवाचार में उनकी भागीदारी को बताता है.

सफलता और विविध कैरियर पथों के लिए ये सभी लोग अच्छा उदाहरण हैं, जो जेईई और इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड में टॉप परफॉर्म करने के बाद भी हासिल किया जा सकता है. इनकी कहानियां न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को दर्शाती है, बल्कि एक मजबूत एजुकेशनल आधार और बेहतरीन की निरंतर खोज के साथ आने वाले मौके को भी बताता है.

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Tags: Iit, IIT Bombay, Jee main, Success Story

FIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 15:17 IST

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